बिहार को अब बीमारू राज्य नहीं बल्कि देश का ग्रोथ इंजन कहा जाता है : जदयू

पटना। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार ने कृषि सुधार की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में अभूतपूर्व कार्य किया है। इसी कारण बिहार का विकास दर देश के राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने पूरे देश को सामाजिक एवं आर्थिक सुधारों के जरिए यह संदेश दिया है कि साफ नीयत एवं सही नेतृत्व से कोई भी सपना धरातल पर उतारा जा सकता है।
श्री प्रसाद ने कहा कि हमारा अगला लक्ष्य बिहार को विकसित राज्य बनाने का है और इस दिशा में हम पूरी तत्परता से लगे हुए हैं। जब मुख्यमंत्री ने बिहार की बागडोर संभाली तो उस समय बिहार की गिनती देश के पिछड़े राज्यों में होती थी। बिहार का विकास दर 5.08% था जो कि राष्ट्रीय औसत (लगभग 7%) से काफी कम था। वित्तीय संसाधनों की कमी एवं अन्य चुनौतियों को दरकिनार करते हुए बिहार ने एक दर्जन बार देश में सर्वाधिक विकास दर दर्ज किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को अब बीमारू राज्य नहीं बल्कि देश का ग्रोथ इंजन कहा जाने लगा। बिहार अब देश को दिशा प्रदान करने वाला राज्य बन गया है।
श्री प्रसाद ने कहा कि 2005 से सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री ने बिहार के विकास को गति देने के लिए कई नीतिगत एवं आर्थिक बदलाव किए। कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए 2006 में एपीएमसी एक्ट को समाप्त कर दिया ताकि किसान अपना उत्पाद कही भी बेचने के लिए स्वतंत्र हो। इसका नतीजा यह हुआ कि कृषि के क्षेत्र में बिहार का विकास दर जहां 2001-05 के बीच के 1% से भी कम था वह 2005-06 से 2014-15 के बीच बढ़ कर 4.7% हो गया जबकि राष्ट्रीय औसत मात्र 3.6% था। जबकि कृषि के क्षेत्र में बिहार का विकास दर पिछले 5 वर्षों का औसतन 7% है जबकि राष्ट्रीय औसत 2% के करीब है। वही 2017-18 में बिहार के कृषि आधारित उद्योगों का विकास दर 19.2% जबकि राष्ट्रीय औसत 3.6% था।

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