बिहार के दो मशहूर साहित्यकार को साहित्य अकादमी पुरस्कार, देश की पहली महिला साहित्यकार बनीं अनामिका, सीएम ने दी बधाई

पटना। बिहार के दो मशहूर साहित्यकारों को वर्ष 2020 के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में देश की पहली महिला साहित्यकार अनामिका को हिंदी कविता संग्रह के लिए और मधुबनी निवासी कमलकांत झा को मैथिली के लिए 2020 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। महिला दिवस के 4 दिन बाद ही हिंदी साहित्य के देश के सर्वोच्च सम्मान के लिए चुना जाना अनामिका के लिए और सारी महिलाओं के लिए गौरव की बात है। उन्हें उनकी हिंदी कविता संग्रह टोकरी में दिगन्त: थेरीगाथा के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वहीं बिहार के मधुबनी निवासी कमलकांत झा को मैथिली के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। उन्हें उनकी रचना ‘गाछ रूसल अछि’ के लिए यह सम्मान मिला है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रसिद्ध हिन्दी कवयित्री श्रीमती अनामिका एवं मैथिली रचनाकार कमलकांत झा को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये अपनी शुभकामनायें दी हैं।
अनामिका मुजफ्फरपुर की हैं रहने वाली
अनामिका के पिता डॉ. श्यामनंदन किशोर हिंदी साहित्य के बड़े गीतकार थे। वे राष्ट्रकवि दिनकर, गोपाल सिंह नेपाली की पीढ़ी के गीतकार थे। वे बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। डॉ. श्यामनंदन किशोर को पद्मश्री पुरस्कार भी मिला था। अनामिका का मुजफ्फरपुर में हरिसभा चौक के पास रज्जू साह लेन में उनका घर है। अनामिका का जन्म 17 अगस्त 1961 को मुजफ्फरपुर में हुआ था। वे मूल रूप से मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं। अनामिका फिलहाल दिल्ली में रहती हैं, बिहार आना-जाना होता रहता है। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के सरस्वती कॉलेज में अध्यापन कर रही हैं। उन्हें हिंदी कविता में योगदान के लिए साहित्य अकादमी से पहले राजभाषा परिषद् पुरस्कार, साहित्य सम्मान, भारत भूषण अग्रवाल एवं केदार सम्मान आदि पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया है। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी से डी. लिट हैं और वहीं से पीएचडी भी किया है। कविता के साथ-साथ उन्होंने उपन्यास, कहानियां भी लिखा है। कई अनुवाद भी किया है। अनामिका बिहार में रामधारी सिंह दिनकर और अरुण कमल के बाद तीसरी साहित्यकार हैं, जिन्हें हिंदी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है।
सीएम ने दी बधाई, कहा- बिहार के लिये बेहद गौरव की बात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रसिद्ध हिन्दी कवयित्री श्रीमती अनामिका एवं मैथिली रचनाकार कमलकांत झा को वर्ष 2020 का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये अपनी शुभकामनायें दी हैं। मुजफ्फरपुर की रहने वाली श्रीमती अनामिका को हिंदी कविता संग्रह ह्यटोकरी में दिगन्त: थेरी गाथा: 2014 के लिये यह सम्मान दिया गया है, जबकि मैथिली साहित्य के लिये बिहार के दरभंगा के ही कमलकांत झा को उनकी रचना गाछ रूसल अछि के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया है। मुख्यमंत्री ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि यह बिहार के लिये बेहद गौरव की बात है। बिहार की बेटी को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान मिलना देश की आधी आबादी को प्रेरणा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा है कि बिहार से ताल्लुक रखने वाले दोनों रचनाकारों की इस उपलब्धि पर सम्पूर्ण बिहारवासियों को गर्व है।

About Post Author

You may have missed