कुरान में एक बिंदु के बदलने की भी गुंजाइश नहीं : मौलाना मो. वली रहमानी

कुरान पाक की आयतों को हटाने के बारे में वसीम रिजवी की सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन देने पर आॅल इंडिया मुस्लिम प्रसनल लॉ बोर्ड की सख्त प्रतिक्रिया


फुलवारी शरीफ। आल इंडिया मुस्लिम प्रसनल लॉ बोर्ड के महासचिव एवं बिहार, झारखंड, उड़ीसा के मुसलमानों की सबसे बड़ी एदारा इमारतें शरिया के अमीर ए शरीयत हजरत मौलाना वली रहमानी ने कहा कि यूपी के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने फिर कुरान के बारे में जहर उगला है और कुरान की 26 आयतों को हटाने के बारे में सुप्रीम कोर्ट में पीटिशन दिया है। यह केवल पब्लिसिटी स्टंट है और व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से है। मौलाना रहमानी ने आगे कहा कि कुरान करीम की आयतों को हटाने या मिटाने का मामला किसी फिरका या मसलक का नहीं है अपितु पूरी दुनिया के मुसलमानों की आस्था से संबंधित है। इसलिए मैं मुसलमानों की सभी जमातों चाहे शिया, सुन्नी, बोहरा, देवबंदी, बरेल्वी, अहले हदीस हों या किसी भी दूसरे वर्ग या मसलक से संबंधित हों, सब से अपील करता हूं कि इस मामले में भड़काव में आने की या विरोध प्रदर्शन, धरना या जलसे-जुलूस की बिलकुल आवश्यक्ता नहीं है। मामला सर्वोच्च न्यायालय में है। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की न्यायायिक टीम इस मामले को आरंभ से ही देख रही है और उसने अपना पक्ष कानूनी विशेषज्ञों के सलाह मशविरा से तैयार कर लिया है। पीटिशन तैयार हो रही है, जो विशेषज्ञों के मशवरे से सही समय आने पर सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया जाएगा।
धार्मिक विद्वान मौलाना रहमानी ने कहा कि कुरान करीम अल्लाह तआला की नाजिल की हुई किताब है और कुरान की किसी आयत में बदलाव के बारे में सोचना तो दूर इसके जेर जबर एवं नुक्ता (बिन्दु) तक में भी बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि आज तक जितने लोगों ने कुरान पर आलोचना करने की कोशिश की है, उनको नाकाम होना पड़ा है। महासचिव ने कहा कि वसीम रिजवी की यह हरकत कोई नई नहीं है। ऐसी बदतमीजीयां वह इस्लाम, मुसलमानों एवं इस्लामी संस्कारों के बारे में पहले भी करते रहे हैं। इस बार उन्होंने न केवल कुरान-करीम के बारे में, बल्कि सैयदना हजरत आबु बकर सिद्दिक, सैयदना हजरत उम्र फरूक, सैयदना हजरत उस्मान तथा उम्महातुल मोमिनीन (रजी अल्लाह अनहुम ) के बारे में भी बहुत गलत सलत बातें कही हैं। सभी खुलफा-ए-राशिदीन तथा उम्महातुल मोमिनीन और सहाबा की जमात पवित्र लोगों की जमात है, इनके विरुद्ध कोई ईमान वाला जुबान नहीं खोल सकता। इनके विरुद्ध जहर उगलने वाले व्यक्ति के लिए इस्लाम में कोई स्थान नहीं है।

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