बाहर से इन्वेस्ट आने का ये मतलब नहीं, हमारी चीज कोई खरीद लेगा : आरसीपी

नई दिल्ली। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने गुरूवार को राज्यसभा में बीमा संशोधन विधेयक 2021 का समर्थन किया। इस विधेयक में बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74% तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। श्री सिंह ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि जब सुधार की प्रक्रिया शुरू होती है तो लॉजिकल एंड तक जाएगी। इस संशोधन से इन्श्योरेन्स कंपनियां विन-विन सिच्युएशन में होंगी। इससे कैपिटल इन्फ्यूजन होगा, टेक्नोलॉजी आएगी, स्किल आएगा। अगर ये विदेश से नहीं आएंगे तो हमारे बैंकों को इसमें पैसा लगाना पड़ेगा। एफडीआई आने से बैंकों के पैसे कहीं और लगेंगे। दूसरा फायदा ये होगा कि इस क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सबसे बड़ी बात यह कि इससे हमारे उपभोक्ताओं के पास बेहतर विकल्प होंगे और ये बहुत जरूरी है।
श्री सिंह ने कहा कि जिन-जिन सेक्टर में एफडीआई आया वहां सुधार देखने को मिला। टेलीकॉम सेक्टर को ही लें तो पहले क्या स्थिति थी, आज सबके पास मोबाइल है। कम्प्यूटर सेक्टर को देखें कि कितनी तरह की व्यवस्था हो गई। रियल एस्टेट में ही कितना सुधार आया। जब विकास की गाड़ी खुली है तो आगे चलेगी और चलती रहेगी।
आरसीपी सिंह ने आगे कहा कि आज की तारीख में इन्श्योरेन्स को लेकर लोग जागरुक हुए हैं। कोविड के बाद स्थितियां और बदली हैं। एफडीआई के बाद बहुत सारी इन्श्योरेन्स कंपनियां आएंगी। लोगों को आॅप्शन मिलेगा और इस क्षेत्र में सेवा देने को लेकर एक स्वस्थ प्रतियोगिता होगी। उस नजरिये से इसको नहीं देखा जाना चाहिए कि इसे बेचा जा रहा है। हिन्दुस्तान की परिसंपत्ति भला कौन खरीद लेगा? बाहर से इन्वेस्टमेंट आने का मतलब ये नहीं कि हमारी चीज को कोई खरीद लेगा। हमारे देश में बाहर से जो सम्पत्ति आएगी, उससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और लोगों को बेहतर बीमा की सुविधाएं मिलेंगी।

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