बारेमा में चार दर्जन महिला बनी जीविकाकर्मियों से ठगी की शिकार

महिलाओं को उठती जा रही जीविका से भरोसा व विश्वास
पालीगंज।(वेद प्रकाश)। राज्य सरकार द्वारा जहां एक ओर महिलाओं को प्रत्येक दृष्टिकोण में चारो ओर से शशक्त व मजबूत बनाने के लिये सूबे के प्रत्येक जिलों के अनुमंडल व प्रखंड में विभिन्न तरह की योजनाएं चला रही है वहीं इसके लिये राज्य सरकार की ओर से जीविका नामक स्वंय सेवी संस्था भी चल रही रही है। वही दूसरी ओर पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल सह प्रखंड के अंतर्गत खिड़िमोड़ थाना क्षेत्र में स्थित बारेमा गांव में जीविका कर्मियों द्वारा महिलाओं को मदद करने के नाम पर उन्हें ठगने का मामला प्रकाश में आया। वहीं इस मामले में और तो और मदद करने के नाम पर उनसे मोटी रकम में पैसे की वसूली कर महिलाओं को बर्वाद करने पर तुल चुकी हंै। इसकी खुलासा खिरिमोड़ थाना के बारेमा गांव में एक जीविका संगठन से जुड़ी महिला की मौत के बाद प्रकाश में आया। इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया गया कि पालीगंज अनुमंडल सह प्रखंड के खिड़िमोड़ थाना के बारेमा गांव में आठ दिन पूर्व जीविका समूह से जुड़ी संजय कुमार की 33 वर्षीय पत्नी जैमन्ती देवी की मौत बीमारी के कारण हो गयी। महिला से फरवरी माह में ही जीविका कर्मियों इंश्योरेंस करवाने के नाम पर पैसे जमा करवाया था लेकिन महिला की मृत्यु के बाद जीविक कर्मियो इंश्योरेंस का पैसा देने से यह कहकर इनकार कर दिया कि इंश्योरेंस के समय महिला का मोबाइल नंबर जमा नहीं की गयी थी। उस गांव की पांच जीविका समूहों से लगभग 60 महिलाएं जुड़ी है। उन सभी महिलाओं ने मामले की जानकारी ली तो मालूम हुआ कि 60 महिलाओं में सिर्फ तीन का इंश्योरेंस किया गया। इस वजह से बिहार सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व सबल बनाने का भरोसा व विश्वास जीविका नामक स्वंय सेवी संस्था से उठती जा रही है। इस मामले में पालीगंज के जीविका के बीपीएम चंदन कुमार द्वारा उक्त बातों को स्वीकार करते हुए मृतका के प्रति सहानुभूति व्यक्त किया। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि इसके लिये दोषी कौन है व उसके खिलाफ क्या कार्यवाई होनी चाहिये? इस बाबत पूछने पर चुप्पी साध ली गयी। वही मृतिका के पति संजय कुमार ने सोमवार को पालीगंज स्थित लोक शिकायत निवारण केंद्र में जीविका के पालीगंज बीपीएम चंदन कुमार, सीसी प्रीति कुमारी, बुक कीपर बेंकटेश कुमार व सीएम सफलता कुमारी के खिलाफ धोखाधड़ी व ठगी का आरोप लगाते हुए शिकायत कर न्याय की गुहार लगाया। इस संबंध में महिलाओं ने बताया कि हम सभी से जीविकाकर्मी ने इंश्योरेंस के नाम पर सात माह पूर्व पैसे की वसूली किया और उनलोगों ने जीविका के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुये बताया कि यदि हमलोगों का डेटा या मोबाइल नंबर जमा नही की गयी थी तो इसकी सूचना क्यों नही दी गयी? जबकि प्रत्येक सप्ताह में एक दिन समूह व प्रत्येक माह में एक दिन ग्राम संगठन की बैठक जीविका कर्मियों की ओर से बुलाई जाती है। इस घटना से आक्रोशित महिलाओं ने अपने आपको धोखाधड़ी व ठगी का शिकार समझते हुए जांच के बाद जीविककर्मियो के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग सरकार से की। वहीं महिलाओं ने बताया कि जब एक गांव में इतने महिलाओं को ठगी का शिकार होना पड़ा तो पूरे प्रखंड में कितनों के साथ ठगी की गयी होगी ? महिलाओं ने आगे बताया कि इस मामले की जांच में करोड़ो रुपये की घोटाला उभरकर सामने आने की आशंका हो सकती है।

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