“बात रोजगार की”: अईसन छुरिया चलवले आर-पार हो गइल, ई गरीबवन के…
खगौल। हर शनिवार नुक्कड़ संवाद श्रृंखला की नई कड़ी में सदा लोक मंच ने उदय कुमार लिखित एवं निर्देशित नाटक “बात रोजगार की” का प्रदर्शन किया। दानापुर रेलवे स्टेशन के पास आॅटो स्टैंड में गीत- अईसन छुरिया चलवले आर-पार हो गइल, ई गरीबवन के रोटी ले फरार हो गइल, मांगी ला नौकरी त दिखावे रजिस्टर, धन्य-धन्य हैं देश के मिनिस्टर, झूठ बोलिया के देखी बहार हो गइल” से नाटक की शुरूआत हुई। नाटक में रोजगार संकट से जूझते शिक्षित युवा, दिहाड़ी मजदूर, फेरी वाले, छोटे-छोटे दुकानदार आदि की पीड़ा को बखूबी दर्शाया गया। कई डिग्रियां लिए, बरसों तैयारी करके नौकरी की तलाश में भटकता नौजवान निराश हो चला है। बेरोजगारों की भीड़ बढ़ती जा रही है और नौकरियां कम से कमतर होती जा रही है। नए रोजगार का सृजन नहीं हो रहा है, ना पूंजी, न कोई और आसरा। मां-बाप ने उसकी पढ़ाई के लिए कर्ज लिया था, वह बढ़ता ही जा रहा है। रोजगार संकट का शिकार दिहाड़ी मजदूर अपनी बदहाली की कथा सुनाते सुनाते फफक पड़ता है। नाटक में प्रमुखता से सवाल उठाया गया कि आमजन के आवश्यक मुद्दे बेरोजगारी, अशिक्षा, कुपोषण, महंगाई आदि को चर्चा से गायब कर दिया गया है। एक सोची समझी रणनीति के तहत सरकार अपनी नाकामियो को छुपाने के लिए लोगों को भटकाने का काम कर रही है। जानबूझकर भड़काऊ मुद्दे चर्चा में उछाल दिये जा रहे हैं। जिनमें जनता उलझी रहे और वो आसानी से अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते रहे। नाटक आमजन से अपील करता है कि वो इधर-उधर के मुद्दे में न भटककर अपनी वास्तविक समस्या पर चर्चा करें और संगठित होकर अपनी समस्याओ के निदान के लिए आगे बढ़े, दबाव बनाएं। चिकित्सक एवं समाजसेवी गौतम भारती ने भी दर्शकों से संवाद किया। कलाकारों में शिवम कुमार, उदय कुमार, प्रमोद सोनी, भोला सिंह, राजीव रंजन त्रिपाठी, सूरज कुमार एवं अनिल कुमार शामिल थे।


