PATNA : बाईपास में लूट का विरोध करने पर बदमाशों ने भाजपा नेता के पेट में सरिया घोंपा, अस्पताल में मौत
पटना। पटना के बाईपास थाना क्षेत्र के एनएच 30 सर्विस लेन पर लूट की घटना का विरोध करने पर दो बदमाशों ने भाजपा नेता विनय कृष्ण के पेट में सरिया घोंप दिया। घायल अवस्था में भाजपा नेता ने दोनों बदमाशों का पीछा भी किया, लेकिन वह दोबारा हमला कर भाग निकले। घटना थाना से 600 मीटर की दूरी पर हुई। पेट में जख्म के बाद भाजपा नेता आपरेशन थियेटर में गए। लेकिन आपरेशन के दो घंटे बाद ही अस्पताल ने मौत की सूचना दे दी। घटना से लोगों में पुलिस के खिलाफ काफी आक्रोश है।
विनय के चाचा ने बताया कि विनय कृष्ण भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे और वह बेगमपुर के रहने वाले थे। शुक्रवार की रात लगभग 9.15 बजे वह बाइक से अपने दोस्त के घर जा रहे थे। घर से थोड़ी ही दूरी पर एनएच 30 के सर्विस लेन महादेव स्थान मिश्रा पेट्रोल पंप के पास पहुंचे थे। वह पूरब की तरफ जा रहे थे और सर्विस लेन पर ही विपरीत दिशा से दो युवक पैदल आ रहे थे। बाइक के पास पहुंचते ही दोनों बदमाशों ने बाइक की हैंडल पकड़कर रोक लिया। बाइक रोकते ही जैसे ही बदमाश झपट्टा मारने का प्रयास किए विनय ने बदमाशों को धक्का दे दिया। बाइक लूटने की कोशिश के दौरान विरोध करने पर बदमाशों ने विनय के पेट में सरिया घोंप दिया। परिजनों को बताया कि विनय घायल होने के बाद भी बाइक को लूटने नहीं दिया। वह बदमाशों को 100 मीटर दौड़ाए लेकिन बदमाश एनएच 30 पर भाग निकले। शोर सुनकर आसपास के लोग आ गए। सूचना मिलते ही घर वाले भी मौके पर पहुंच गए और विनय को बिग हॉस्पिटल ले गए। अस्पताल में जांच पड़ताल की गई, इसमें स्थिति गंभीर नहीं बताई गई।
मृतक भाजपा नेता विनय के चाचा ने बताया कि रात में जब वह घायल को लेकर अस्पताल पहुंचे तो हर तरह से जांच कराई गई। जांच में बताया कि मामला गंभीर नहीं है। संतोष का कहना है कि जब घटना की सूचना पर डॉक्टर अभय कुमार आए तो आॅपरेशन के लिए बोले। विनय ओटी में बात करते हुए गए, डॉक्टर दो घंटे तक आॅपरेशन किए और निकल कर बोले की सर्जरी सफल रही। लेकिन आॅपरेशन के दो घंटे बाद ही सूचना मिली की विनय की मौत हो गई। हर कोई दंग रह गया कि अचानक से यह कैसे हो गया। घटना को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है।
इधर, विनय का आॅपरेशन करने वाले बिग हॉस्पिटल के सर्जन डॉ. अभय कुमार का कहना है कि वह आपरेशन के बाद मरीज के परिजनों से बाहर बात कर रहे थे। इसी दौरान इमरजेंसी सायरन बजा, जिसमें संकेत था कि मरीज की हालत बिगड़ रही है। इसके बाद वह फिर हॉस्पिटल में गए और मरीज की लो हो रही पल्श को ठीक करने का प्रयास किया लेकिन हार्ट में पम्प नहीं होने के कारण समस्या बढ़ती गई। डॉक्टर ने बताया कि वह बाहर आकर मरीज के परिजनों से बातचीत कर ही रहे थे, इस बीच लोग उग्र हो गए और अपशब्द बोलने लगे। विवाद के डर से वापस ओटी में चले गए और वहां से घर निकल गए। तब तक पुलिस भी आ चुकी थी। डॉक्टर का कहना है कि मरीज के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा भी मचाया है।