बच्चेदानी के मुंह के कैंसर के लिए वैक्सीन उपलब्ध, हर तीन साल पर महिलाओं को करानी चाहिए स्क्रीनिंग : डॉ. इरम
पटना। विश्व कैंसर दिवस के मौके पर एशियन सिटी हॉस्पिटल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. इरम ने कहा है कि बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से महिलाओं को बचाने के लिए उनमें जागरूकता जगाना काफी जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस कैंसर से बचने के लिए अब वैक्सीन उपलब्ध है, जिसे 9 से 26 साल तक की महिलाओं को लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में हर साल तीस हजार महिलाओं की मौत बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से हो जाती है। यह महिलाओं की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। महिलाओं मे यह स्तन कैंसर के बाद दूसरा सबसे आम कैंसर है।
डॉ. इरम ने कहती हैं, यह कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के कारण 80 प्रतिशत महिलाओं में फैलता है। यह 40 से 55 वर्ष की महिलाओं में पाया जाता है। यह मां से बच्चे में तथा कम उम्र में शादी और कई पुरूषों से संबंध के कारण फैलता है। उन्होंने कहा कि धूम्रपान करना भी इसके कारण माने जाते हैं। अगर परिवार में किसी को यह कैंसर होता है तो इसका असर नई पीढ़ी पर भी पड़ने की संभावना रहती है। लक्षण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संभोग के बाद तथा मासिक धर्म बंद होने के बाद खून गिरना इसके प्रमुख लक्षण माने गये हैं। इसके अलावा पेट में दर्द, पेशाब करने में दर्द, वजन कम होना तथा थकान महसूस होना भी इसके लक्षण माने गये हैं। इसलिए 21 वर्ष की उम्र के बाद से हर तीन साल पर सभी महिलाओं को स्क्रीनिंग करानी चाहिए, जिसका नाम है पैप स्मीयर टेस्ट। उन्होंने कहा कि इस टेस्ट को कराते रहने से शुरूआती दौर में यह कैंसर पकड़ा जा सकता है। इस अवधि में इलाज से इसके पूर्णत: ठीक होने की संभावना रहती है।


