फ्रॉडगिरी के मामले में फरार डॉ. पॉल एंड स्किन क्लीनिक का मालिक कोलकाता में गिरफ्तार, जानिए क्या है मामला

पटना। फ्रॉडगिरी के मामले में फरार चल रहे डॉ. पॉल एंड स्किन क्लीनिक के मालिक डॉ. विजय पॉल को पटना पुलिस ने कोलकाता में गिरफ्तार किया है। इन्हें सड़क के रास्ते फोर व्हीलर गाड़ी से पटना लाया जा रहा है। रविवार को गिरफ्तारी की पुष्टि पटना पुलिस की तरफ से कर दी गई है। हालांकि इसका भाई डॉ. अभिजीत पॉल अभी भी फरार है। उसकी भी तलाश चल रही है। जिस मामले में डॉ. विजय पॉल को गिरफ्तार कर लाया जा रहा है वह 1.61 करोड़ रुपए की ठगी का है। इस मामले इन दोनों डॉक्टर भाई समेत कुल 6 लोग आरोपी हैं, जिनमें डॉ. अभिजीत की पत्नी सुप्रिया पॉल और अभिजीत के पीए अनूप कुमार बोस व कंपनी के डायरेक्टर गया नाथ दास शामिल हैं। ये चारों भी फरार हैं।
कंपनी की फ्रेंचाइची के नाम पर ठगे थे करोड़ों रुपए
मिली जानकारी के अनुसार, डॉ. विजय पॉल और डॉ. अभिषेक पॉल कुछ साल पहले पटना के ही नागेश्वर कॉलोनी में रहा करते थे। दोनों भाई मिलकर पॉल्स मल्टी स्पेशियालिटी क्लीनिक प्राइवेट लीमिटेड नाम की कंपनी चलाते थे। अभिजीत से जय माता दी इन कॉरपोरेशन के डायरेक्टर देव ज्योति की दोस्ती थी। कंपनी के फ्रेंचाइजी के नाम पर काफी सारे रुपए देव ज्योति ने दिए थे। इसके लिए 2013 में इन दोनों के बीच एक एग्रिमेंट भी बना था। ब्रांडिंग और कंपनी के डेवलपमेंट पर देव ज्योति ने करीब 4 करोड़ रुपया खर्च कर दिया था। लेकिन, एक साल बाद ही सब कुछ बदल गया। 2018 में एक नया एग्रिमेंट हुआ जिसमें कारोबार से देव ज्योति हट गए थे। पूरा हिसाब करने के बाद 1.61 करोड़ रुपया डॉ. अभिजीत पॉल और इसके भाई को लौटाना था। मगर, ऐसा हुआ नहीं। इसके बाद ही 2019 में देव ज्योति के बयान पर पटना के बुद्धा कॉलोनी थाना में कुल 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें इन दोनों भाइयों के साथ ही अभिजीत की पत्नी सु्प्रिया पॉल, पीए अनुप बोस, राजू कुमार और इनकी कंपनी के डायरेक्टर गया नाथ दास शामिल हैं। आरोप है कि इसी पुलिस की कार्रवाई के डर से ये सभी पटना छोड़कर कोलकाता के दमदम के मोतीझील एवेन्यु इलाके में शिफ्ट कर गए थे। यहीं से अब पटना पुलिस ने डॉ. विजय पॉल को गिरफ्तार किया है। बाकी आरोपी फिलहाल फरार चल रहे हैं।
बेलर निकला फर्जी
बता दें ठगी के इस केस में डॉ. अभिजीत पॉल की पत्नी सुप्रिया पॉल और पीएम अनुप कुमार बोस ने सबसे पहले पटना सिविल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर की थी, जहां से वह खारिज हो गया था। इसके बाद इन दोनों की अपील पर सुनवाई करते हुए जनवरी 2020 में इन्हें पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। लेकिन, असलियत कुछ दिनों के बाद सामने आई। दरअसल, सुप्रिया और अभिजीत के पीए का बेलर ही फर्जी निकला। सरकारी वकील के जरिए कोर्ट को इस बात का पता चला, जिसके बाद हाईकोई ने सबसे पहले बेलर को कोर्ट में मौजूद होने का सम्मन जारी किया। जब बेलर नहीं आया तो ठगी के केस के अलावा फर्जी बेलर के मामले में इन दोनों के ऊपर कोर्ट के आदेश पर पहले एक नोटिस किया गया, फिर अलग से एक केस दर्ज किया गया।

You may have missed