फुलवारी में बोले कन्हैया: सावरकर के सपनों का नहीं, बल्कि भगत सिंह और आंबेडकर के सपनों का भारत बनाना है
फुलवारी शरीफ। जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई के नेता कन्हैया कुमार ने सोमवार की देर शाम फुलवारीशरीफ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में खलीलपुरा रोड और ईसापुर में चल रहे धरने को संबोधित करते हुये मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमें सावरकर के सपनों का नहीं, बल्कि भगत सिंह और आंबेडकर के सपनों का भारत बनाना है। सीएए के विरोध में कन्हैया ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि केंद्र की तानाशाह सरकार को हर हाल में सीएए को वापस लेना होगा। यह कानून देशहित में नहीं है। सरकार की तानाशाही के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। संविधान से छेड़छाड़ हो रहा है। हमें बेरोजगारी और काला कानून से आजादी चाहिए। सीएए, एनपीआर और एनआरसी से आजादी चाहिए। तानाशाह सरकार के खिलाफ हम सबको संघर्ष करना। ये लड़ाई हिंदू या मुसलमान की नहीं है, यह लड़ाई संविधान बचाने की है। यह लड़ाई एक दिन की नहीं है, यह लड़ाई लंबी चलेगी। उन्होंने इसके लिए युवाओं के जोश और होश में रहने की जरूरत बताते हुए कहा कि इस लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाना है। सीएए और एनआरसी को संविधान की आत्मा पर हमला बताते हुए उन्होंने कहा, आज संविधान पर संकट आ खड़ा हुआ है। संविधान को बचाने की जरूरत है। संविधान की मूल भावना है कि किसी भी नागरिक के साथ जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं होगा। बिहार का युवक रोजगार मांग रहा है न कि एनपीआर। प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुये कन्हैया ने कहा कि दिल्ली जल रहा है और वे अहमदाबाद में फोटो खिंचवा रहे हैं। उन्होंने 27 फरवरी को गांधी मैदान में होने वाली रैली में आने का भी न्यौता दिया। इससे पहले कन्हैया कुमार ने हारूणनगर सेक्टर 3 में 21 दिसंबर को भारत बंद के दौरान मारे गये 18 वर्षीय आमीर हंजला के पिता और उसके परिवार से मिलकर दुख जताया। इस मौके पर सीपीआई के वारिष्ठ नेता सैयद इमरान गणी मौजूद थे।


