PMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी, मौत के डर से भाग रहे मरीज

पटना। पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गई है। बीते मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री और प्रधान सचिव के साथ हुई बैठक में जूनियर डॉक्टर मौखिक नहीं लिखित आश्वासन देने की मांग कर रहे थे, लेकिन जब लिखित में नहीं मिला तो जूनियर डॉक्टर ने हड़ताल स्थगित करने से साफ इंकार कर दिया। अस्पताल प्रशासन मीडिया पर पाबंदी लगाने के साथ हर दिन हो रही मौत का आंकड़ा भी छुपा रही है।
अब स्थिति ऐसी हो गई है कि गंभीर मरीज पीएमसीएच में एक मिनट भी नहीं रूकना चाहते हैं। वे निजी अस्पतालों की ओर पलायन कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से इमरजेंसी में मौत का सिलसिला जारी है। मौत के डर से परिजन मरीज को लेकर निजी अस्पतालों में भर्ती करा रहे हैं। बुधवार को इमरजेंसी में मरीज की मौत पर हंगामा हुआ। पिछले 24 घंटे में 339 मरीज भर्ती होने आए, जिसमें 50 प्रतिशत गंभीर हैं जिनको समय से इलाज नहीं मिला तो जान बचाना मुश्किल है।
पीएमसीएच के टाटा वार्ड और सर्जिकल इमरजेंसी में भर्ती होने वाले मरीजों को हमेशा मौत का डर सता रहा है। शिवहर का एक मरीज मंगलवार की शाम को भर्ती हुआ, इलाज नहीं हुआ और सुबह होते ही उसकी जीवन लीला समाप्त हो गई। बुधवार को मरीज के परिजनों ने बताया कि हड़ताल के कारण समय से इलाज नहीं हो पाया है। परिजनों को अभी लोग शांत भी नहीं करा पाए थे कि बच्चा वार्ड में एक नवजात की मौत पर चीख-पुकार मच गई। बुधवार को इमरजेंसी में बेड नंबर 7 पर मरीज की मौत पर हंगामा हुआ। हर मौत के बाद परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। मरीजों की मौत को देख अन्य मरीज भी डर से इमरजेंसी से भाग रहे हैं।

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