पानी देने की समय सीमा निर्धारित हो ताकि स्वच्छ जल की बर्बादी रोकी जा सके : CM नीतीश
पीएम ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पटना के बेउर और करमलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का किया उद्घाटन

फुलवारी शरीफ। केंद्र सरकार की नमामि गंगे और अमरुत योजना से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत प्रधामंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बिहार के कई जिलों में जलापूर्ति व सीवर से जुड़ी 543.28 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया, जिसमें पटना के बेउर और करमलीचक में भी करोड़ों की योजना से जलापूर्ति व सीवर से जुड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया गया है।
इस मौके पर बेउर में भव्य समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रधामंत्री ने रिमोट दबाकर बेउर और करमलीचक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया तो पूरा कार्यक्रम स्थल तालियों की गडगड़ाहट से गूंज उठा। इस मौके पर नगर विकास एवं आवास विभाग के अधीन बिहार शहरी आधारभूत संरचना पटना के दो सीवरेज प्लांट के उद्घाटन से हजारों घरों के सीवरेज की समस्याओं का समाधान होगा। इस महत्वपूर्ण मौके पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, मंत्री सुरेश शर्मा, नन्द किशोर यादव विडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये लोगो को संबोधित किये। वहीं कार्यक्रम में मंत्री अशोक चौधरी एवं स्थानीय पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये अपने संबोधन में कहा कि तीन साल के भीतर नमामि गंगे योजना के तहत बेउर और करमलीचक सीवर प्लांट का काम पूरा हो गया है, यह काफी खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले प्रधानमंत्री ने इस योजना का शिलान्यास किया था और आज इन दो योजनाओं का उद्धाटन हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि अमरूत योजना के तहत 24 घंटे पानी देने की बात कही जा रही है, जिससे पानी की बर्बादी होगी। सीएम ने कहा कि पानी देने की समय सीमा तय की जानी चाहिए। ऐसा करने से पानी की बर्बादी रूकेगी, नहीं तो 24 घंटे लगातार पानी देने से लोग स्वच्छ पानी को बर्बाद करेंगे।
मौके पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार को प्रधानमंत्री द्वारा करोड़ों का विकास योजनाओं का सौगात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अथक प्रयास से ही मिल रहा है। वहीं सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि इन परियोजनाओं से अब गंगा नदी में अशुद्ध जल का प्रवाह भी रूक जायेगा और लोगों के घरों का सीवरेज और जलापूर्ति की समस्या का निराकरण हो जायेगा। करमलीचक एसटीपी के शुरू होने से करमलीचक क्षेत्र में अवस्थित घरों के सीवेज को पानी को शुद्ध किया जायेगा। इस शुद्ध पानी से किसानों को सिंचाई हेतु लाभी मिलेगा।

बता दें की बेउर एसटीपी की कुल क्षमता 43 एमआईडी है। इस योजना की कुल लागत सतहतर करोड पचासी लाख रुपये है। इस योजना के पूर्ण होने से बेउर क्षेत्र में रहने वाले लगभग 2,80,330 लोगों को इसका लाभ मिलेगा। बेउर एस.टी.पी. से पटना शहर के सीवरेज जोन-2 के सीवरेज को शुद्ध किया जायेगा। बेऊर एसटीपी से वार्ड 10 से 19 एवं 30 में रहने वाले को लोगों को लाभ मिलेगा। इसके शुरू होने से बेउर क्षेत्र में अवस्थित घरों के सीवरेज को पाईपलाईप के माध्यम से एस.टी.पी. तक पहुंचाया जायेगा, जिसके बाद सीवरेज को शोधित कर पानी को शुद्ध किया जायेगा। इस शुद्ध पानी से किसानों को सिंचाई हेतु लाभ मिलेगा। इसे 2050 तक की आबादी को ध्यान में रखकर बनाया गया है ।

