December 9, 2025

पटना में 15 स्लम बस्तियों एवं आशा किरण होम के बच्चों के बीच चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित

विश्व बाल मजदूरी निषेध दिवस


फुलवारी शरीफ/पटना। शुक्रवार को विश्व बाल मजदूरी निषेध दिवस (वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर) के अवसर पर पटना में चाइल्डलाइन और वी फॉर चाइल्ड प्रोटेक्शन के तरफ से पटना के लगभग 15 स्लम बस्तियों एवं आशा किरण होम के बच्चों के बीच बाल मजदूरी विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्देश्य स्लम बस्तियों के बच्चों के बीच बाल मजदूरी को लेकर जागरुकता फैलाना था। सरकार द्वारा जारी किए गए सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का पालन करते हुए कार्यक्रम में बच्चों को अपने-अपने घरों से ही पेंटिंग बना कर देने को कहा गया था। पेंटिंग किट का वितरण पहले ही इन स्लम बस्तियों में किया जा चुका था। इस चित्रकला प्रतियोगिता में लगभग 200 बच्चों ने भाग लिया। 2011 के सेंसेक्स के अनुसार बिहार में 451590 बाल श्रमिक थे, जिसमें लगातार बढ़ोतरी होती रही है।
इस अवसर पर जेपी गोलंबर, गांधी मैदान के समीप सभी बच्चों की पेंटिंग का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में कई समाजसेवी संस्थाओं ईस्ट एंड वेस्ट एजुकेशनल सोसाइटी, बाल सखा, नारी गुंजन, ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क, जनमन, समर, शेम्फोर्ड स्कूल, आरुणी चैरिटेबल ट्रस्ट, सीएचडीएच, एवरग्रीन इंटरनेशनल स्कूल, मेक ए लाइफ फॉउंडेशन, तहरीक, वर्तमान और मशाल ने हिस्सा लिया और स्लम बस्तियों के बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया।

रोजगार के साधन के अभाव में जीविकीपार्जन के लिए बहुत बच्चों को काम करना पड़ता है। बिहार के बाहर काम की तलाश में यह बच्चे पलायन करने के लिए विवश होते हैं। कई आपराधिक गिरोहों के द्वारा इन बच्चों की तस्करी भी की जाती है और समूहिक रूप से कई उधोगों में झोंक दिया जाता है। ऐसी परिस्थितियों के कारण ही बाल श्रम निषेध के लिए जागरूकता कार्यक्रम को संचालित किया जाना अतिमहत्वपूर्ण है। जागरूकता अभियान को गांव-गांव तक ले जाने की जरूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता चाइल्डलाइन पटना की नोडल निदेशिका प्रो. डेजी नारायण ने की और कार्यक्रम का समन्वयन चाइल्डलाइन पटना के नोडल कोआॅर्डिनेटर प्रवीण कुमार मधु ने किया। मौके पर बाल सखा से सनत सिन्हा एवं नारी गुंजन से सिस्टर सुधा वर्गीज उपस्थित थे। वहीं तबस्सुम, स्वाति कुमारी, विशाखा आर्य, सिस्टर दीपिका, सिस्टर ज्योतिशा, सिस्टर अलका, शिमला, जितेन्द्र कुमार, विशाल कुमार, रणविजय, उदय कुमार, शाशवत, महमूद भाई, निकोलाई, अखिलेश प्रसाद, मनीष कुमार, नंदकिशोर कुमार, अरविंद कुमार, अजय कुमार एवं अन्य ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वूर्ण योगदान दिया।

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