पटना : दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों को वापस बुलाने के मामले में सुनवाई 5 मई तक टली

पटना। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान राजस्थान के कोटा समेत दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के छात्रों को वापस बुलाने के लिए दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई अगले माह पांच मई तक टाल दी है। जस्टिस न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, कोटा समेत दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के छात्र-छात्राओं को गृह राज्य वापस बुलाने के लिए अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर ने पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। जस्टिस न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मंगलवार को मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पटना हाईकोर्ट को बताया गया कि बाहर से आये मजदूरों की वापसी से संबंधित मामले पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में अभी लंबित है, इसलिए मामले पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने पटना हाईकोर्ट से एक सप्ताह का समय मांगा। इस पर जस्टिस न्यायमूर्ति हेमंत कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मांग को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तिथि पांच मई तक टाल दी।
बता दें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोटा से छात्रों को वापस लाने के मामले में स्पष्ट कर दिया है कि हमलोग केंद्र के गाइड लाईन के अनुसार काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार अगर नियमों में संशोधन करती है तो कोटा समेत देश के विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के लोगों एवं छात्र-छात्राओं को वापस लाने पर विचार करेंगे।

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