PATNA : नीलगायों और घोड़पराश के आतंक से किसान परेशान, बढ़ी मुसीबत, फसल हो रही चौपट

फुलवारी शरीफ। कोरोना की मार से काफी नुकसान उठाने वाले ग्रामीण इलाके के किसान अब नीलगायों और घोड़पराश के आतंक से आर्थिक संकट से घिर गये हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को नीलगायों से फसलों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। पटना के संपतचक, गौरीचक, पुनपुन आदि इलाके में खेतों में लहलहाती फसलों को नीलगायों और घोड़पराश के झुंड के झुंड बर्बाद करने अचानक आ धमकते हैं। किसानों के बीच पहले से ही फसल के दाम पर्याप्त नहीं मिलने, कोरोना संकट में हुए नुकसान के साथ ही ग्रामीण इलाकों में नीलगायों के आतंक से फसल चौपट हो रही है, इसका अलग खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। वहीं इन नीलगायों को भगाने के दौरान किसान इनके हिंसक होने पर घायल भी हो जाते हैं। नीलगायों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है। कुछ ग्रामीण इलाकों में तो इनका झुंड 50 से अधिक की संख्या में है। जब इतना बड़ा झुंड खेतों में घुस जाता है तो फसल को बचाना किसानों के लिए नामुमकिन हो जाता है।
बेलदारीचक, गौरीचक, कमरजी, अलावलपुर, लखना, उष्फा, लंका कछुआरा, महुली और आसपास के खेतों में नीलगायें चना, मसूर व हरी सब्जियों की फसल को चट कर रहे हैं। इससे किसान परेशान हो गए हैं। लोगों ने फसलों की रक्षा के लिए अफसरों तक गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। स्थिति ऐसी हो गई है कि कई किसान अपने खेतों में कटीले तार लगाकर फसलों की रखवाली करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन नीलगाय उसे भी फांद कर खेत के अंदर पहुंच जा रहे हैं।

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