नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार : 17 में से 8 पर दर्ज हैं आपराधिक मामले, अब 31 मंत्रियों के कंधे पर बिहार का विकास

पटना। नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर महीनों से चल रहे तरह-तरह के चर्चा पर मंगलवार को अंतत: विराम लग गया। नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने कुल 17 एमएलए-एमएलसी को मंत्री के लिए पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। इस तरह अब नीतीश मंत्रिमंडल में कुल 31 मंत्री हो गए हैं। इसके पहले पिछले वर्ष सरकार गठन के बाद एनडीए के 14 एमएलए-एमएलसी ने मंत्री पद की शपथ ली थी। आज शपथ लिए 17 में से 8 मंत्री ऐसे हैं जिनके ऊपर आईपीसी की गंभीर धाराओं में आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें जदयू, भाजपा, एक निर्दलीय और एक बसपा से जदयू में शामिल हुए विधायक शामिल हैं। जबकि श्रवण कुमार, आईपीएस रहे सुनील कुमार, लेसी सिंह, नारायण प्रसाद और जयंत राज ऐसे विधायक हैं, जिनकी छवि पर किसी प्रकार का कोई दाग नहीं है। इन सभी के अलावा सैयद शाहनवाज हुसैन, संजय कुमार झा और सम्राट चौधरी अभी एमएलसी हैं। जबकि भाजपा नेता जनक राम अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं।
श्रवण कुमार : नालंदा से जदयू के विधायक हैं। इनके ऊपर किसी प्रकार का कोई आपराधिक केस नहीं है। 12वीं पास श्रवण कुमार 2.39 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबियों में से एक माने जाते हैं।
मदन सहनी: दरभंगा जिले के बहादुरपुर सीट से जदयू विधायक हैं। ग्रेजुएट होने के साथ ही 2 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। आईपीसी के सेक्शन 188 के तहत इनके ऊपर दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक मामला बहादुरपुर और दूसरा घनश्यामपुर थाना में दर्ज है। साल 2009 में बहादुरपुर थाना में दर्ज हुए एफआईआर नंबर 218 में 7 जुलाई 2020 को चार्ज फ्रेम हो चुका है। यह केस दरभंगा के एसीजीएम-9 के कोर्ट में है।
प्रमोद कुमार: पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी सीट से भाजपा के विधायक हैं। ग्रेजुएट होने के साथ इन्होंने एलएलबी भी कर रखा है। 3.83 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। मगर, चौंकाने वाली बात यह है कि नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री बन रहे प्रमोद कुमार के उपर आईपीसी की धारा 379 यानी चोरी का एफआईआर दर्ज है। इनके ऊपर कुल 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनके ऊपर दो गुटों के बीच धर्म, जाति, जन्मस्थान और भाषा के नाम पर लोगों को भड़काने व उन्हें आपस में लड़वाने का मामला भी दर्ज है। प्रमोद कुमार पर तीन एफआईआर मोतिहारी थाना और एक एफआईआर पीपरा कोठी थाना में दर्ज है। मोतिहारी के तीनों केस में चार्ज फ्रेम हो चुका है।
लेसी सिंह: पूर्णिया के धमदाहा सीट से जदयू की विधायक हैं। 12वीं पास लेसी सिंह 2.53 करोड़ से अधिक की संपत्ति की मालिक हैं। इनके ऊपर किसी प्रकार का आपराधिक मुकदमा नहीं है।
नीरज कुमार सिंह उर्फ नीरज बब्लू: दिवंगत बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई हैं और सुपौल जिले के छातापुर से भाजपा के विधायक हैं। इनकी पढ़ाई 12वीं तक हुई है। यह 14 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। अलग-अलग आपराधिक मामलों के तहत इनके ऊपर कुल तीन केस दर्ज हैं। एक केस आलमनगर थाना में, जबकि दो केस वीरपुर थाना में दर्ज है। तीनों ही केस में इनके ऊपर चार्ज फ्रेम हो चुका है। सबसे गंभीर आरोप आईपीसी की धारा 414 के तहत दर्ज केस है। आलमनगर थाना में दर्ज इस केस में चोरी की संपत्ति को छीपाने का आरोप लगा है।
सुभाष सिंह: गोपालगंज सीट से भाजपा के विधायक हैं। 10वीं पास हैं, लेकिन 2 करोड़ 17 लाख से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। इनके ऊपर कुल 6 आपराधिक मामले हैं। इनमें 5 एफआईआर गोपालगंज और छठा थावे के मांझगढ़ थाना में दर्ज है। इनके ऊपर अटेम्प्ट टू मर्डर के लिए आईपीसी की धारा 307 और जान से मारने की धमकी देने के लिए आईपीसी की 506 के तहत मुकदमा दर्ज है। दो केस में इनके ऊपर कोर्ट में चार्ज फ्रेम हो चुका है।
नितिन नवीन: पटना के बांकीपुर सीट से भाजपा के विधायक हैं। सीबीएसई बोर्ड से 12वीं पास हैं। इनके ऊपर कुल 5 अपराधिक मामले दर्ज हैं। हालांकि किसी भी केस में इनके ऊपर अब तक चार्ज फ्रेम नहीं हुआ है। सबसे गंभीर आरोप आईपीसी की धारा 431 के तहत रोड, पुल और नदी को नुकसान पहुंचाने का दर्ज है। नितिन नवीन करीब पौने दो करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं।
सुमित कुमार सिंह: पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित कुमार सिंह जमुई जिले के चकाई सीट से निर्दलीय विधायक हैं, लेकिन इन्होंने अपना समर्थन नीतीश कुमार को दिया है। इस कारण से मंत्री बनाए गए हैं। ग्रेजुएट होने के साथ ही सुमित 3.68 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। इनके ऊपर मुंगेर के कोतवाली थाना में ट्रस्ट के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी करने के मामले में आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 170, 120बी और 34 के तहत एफआईआर दर्ज है। हालांकि इस केस में अब तक कोर्ट में चार्ज फ्रेम नहीं हुआ है।
सुनील कुमार: गोपालगंज जिले के भोरे सीट से जदयू विधायक हैं। आईपीएस अधिकारी रहे हैं और बिहार पुलिस में डीजी बनकर रिटायर हुए हैं। सुनील कुमार 6.28 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। इनके छवि पूरी तरह से साफ-सुथरी रही है। किसी प्रकार का आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
नारायण प्रसाद: पश्चिम चंपारण जिले के नौतन सीट से भाजपा के विधायक हैं। बेतिया हाई स्कूल से इन्होंने दसवीं की पढ़ाई कर रखी है। 1.76 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। इनके छवि भी साफ-सुथरी है। किसी प्रकार का कोई दाग नहीं है।
जयंत राज: बांका जिले के अमरपुर विधानसभा सीट से जदयू के विधायक हैं। टीएमबी यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 61.67 लाख से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। इनके ऊपर किसी प्रकार का कोई आपराधिक मामला नहीं है। छवि पूरी तरह से साफ है।
आलोक रंजन: सहरसा से भाजपा के विधायक हैं। डॉक्टरेट तक इन्होंने पढ़ाई की है। 4.15 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। आईपीसी की धारा 506 सहित दूसरी गंभीर धाराओं में इनके ऊपर एक आपराधिक मामला सहरसा के सदर थाना में दर्ज है। इस केस में अभी चार्ज फ्रेम नहीं हुआ है।
मो. जमा खान: कैमूर जिले के चैनपुर सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था। विधायक बनने के बाद यह नीतीश कुमार के पक्ष में आ गए। 12वीं पास हैं और 30 लाख से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। इनके ऊपर तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं, इनमें दो केस भभुआ और एक चैनपुर थाना में दर्ज है। ये केस आईपीसी की 324 और 307 सहित अन्य गंभीर धाराओं में है। हालांकि अब तक किसी भी केस में चार्ज फ्रेम नहीं हुआ है।

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