December 8, 2025

नगर विकास मंत्री ने माना, राजधानी पटना 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में सबसे गंदा, अब बनेगा स्मार्ट

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पटना। बिहार विधान परिषद में बुधवार को उप मुख्यमंत्री व नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सरकार के जवाब में कहा कि पटना सहित राज्य के अन्य शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में मंत्री ने स्वीकार किया कि केंद्र सरकार द्वारा कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले 47 शहरों में पटना सबसे गंदा शहर है।
मंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी में 510 करोड़ रुपये एवं स्वच्छ भारत मिशन में लगभग 386 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से प्राप्त हुए हैं। स्मार्ट सिटी के तहत 338.79 करोड़ रुपये और स्वच्छ भारत मिशन के तहत 131 करोड़ रुपये यानी कुल 469.79 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। उन्होंने कहा कि पटना में पानी पीने योग्य है लेकिन कहीं-कहीं पुराना पाइप जर्जर होने के कारण गंदा पानी आने की सूचना मिलती रहती है। इसके लिए पाइप लाइन बिछाने की कार्रवाई की जा रही है। अफसरों को निर्देश दिया गया है कि कितने किलो मीटर पाइप खराब है उसका सर्वे करें।
मंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में राज्य में स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन में काफी सुधार आया है। पूरे बिहार के 142 नगर निकायों में कुल 3396 वार्डों में से 3351 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण का काम शुरू किया गया है जो 98.67 फीसद है। यह राष्ट्रीय औसत 97 प्रतिशत से अधिक है। जहां तक पटना, गया, भागलपुर नगर निगम एवं बक्सर नगर परिषद का सवाल है तो इन नगर निकायों में शत प्रतिशत डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण कराया जा रहा है।

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