जम्मू कश्मीर: पुलवामा जैसी घटना को दोहराने की फिराक में थे आतंकी, जांच में खुलासा

CENTRAL DESK : सुरक्षाबलों को गुमराह करने के लिए आतंकियों ने अब दूसरा तरीका ढ़ूंढ निकाला है। सुरक्षाबलों ने एक बार फिर पुलवामा जैसी घटना को अंजाम दिए जाने की साजिश को नाकाम कर दिया। आतंकवादी एक बार फिर विस्फोटक भरी कार को सुरक्षाबलों की गाड़ियों से टकराना चाहते थे। उक्त बातें जांच में खूलकर सामने आयी है।
बता दें जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जिस सैंट्रो कार से भारी मात्रा विस्फोटक बरामद हुआ था, उस पर लगी नंबर प्लेट दोपहिया वाहन की निकली। जांच में पता चला है कि वह कठुआ जिले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में बीएसएफ अधिकारी साहिल कुमार के नाम पर पंजीकृत है।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों को गुमराह करने के लिए आतंकियों ने कार पर झूठी नंबर प्लेट लगाई गई थी। डीजीपी ने कहा कि कार के असली मालिक का विवरण बाद में साझा किया जाएगा। वहीं, कठुआ जिले के एसएसपी शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि सैंट्रो कार पर लगाई गई नंबर प्लेट मूल रूप से बडगाम में तैनात बीएसएफ के एएसआई साहिल कुमार की मोटरसाइकिल की है। एसएसपी ने कहा कि बीएसएफ अधिकारी की इस मामले से कोई लेना-देना नहीं था और यह आतंकवादियों को सुरक्षाबलों को गुमराह करने का एक हथकंडा था।
आईजी विजय कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमें पिछले सप्ताह से ही जानकारी मिल रही थी कि जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन मिलकर फिदायीन हमला करने वाले हैं। इसके लिए इन्होंने सेंट्रो कार ली है, इसमें आईडी भरकर हमला किया जा सकता है। कल दिन में और जानकारी मिली शाम तक सूचना पुष्ट हो गई। पुलवामा पुलिस ने सीआरपीएफ और सेना की मदद से नाका पार्टी लगाया था। आईजी विजय कुमार ने बताया कि यह साजिश जैश-ए-मोहम्मद की थी और हिज्बुल मुजाहिद्दीन इसमें मददगार था। दोनों आतंकवादी संगठन मिलकर एक बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे।

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