छात्र आंदोलन की 47वीं वर्षगांठ पर राजद ने लिया संकल्प, जनता को गोलबंद कर जन आंदोलन की करेंगे शुरूआत

पटना। राजद कार्यालय में 74 के छात्र आंदोलन की 47वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक संकल्प सभा और विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें इस बात का संकल्प लिया गया कि देश में आज लोकतंत्र पर गंभीर खतरा उपस्थित हो गया है। आज ऐसी सरकार दिल्ली की गद्दी पर बैठी है, जिसका यकीन न तो लोकतंत्र में है और न ही संविधान में। सरकार की नीतियों की अलोचना को देशद्रोह करार दिया जा रहा है। लंबे समय से देश के किसान आंदोलन कर रहे हैं। कृषि को कॉरपोरेट सेक्टर के हाथों में सौंपने वाला कानून बना दिया गया है। बिहार में भी केन्द्र सरकार की अनुकरण करने वाली सरकार गद्दी पर बैठी है, भ्रष्टाचार यहां चरम पर है, बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी से जनता त्रस्त है। इस पृष्ठभूमि में आज 18 मार्च के ऐतिहासिक दिवस पर हम संकल्प लेते हैं कि लोकतंत्र तथा संविधान विरोधी सरकार जिसकी गलत नीतियों के चलते देश का आवाम महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी से कराह रहा हैै। ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए हम जनता को गोलबंद कर जन आंदोलन की शुरूआत करेंगे। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने की जबकि संचालन प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने की। वहीं स्वागत प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश महासचिव भाई अरूण कुमार ने किया तथा संकल्प को पढ़ने का काम बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता ने किया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में शिवानंद तिवारी ने कहा कि भारतीय संविधान में बाबा साहब ने जो बातें कही थी कि जिस दल और समाज में भक्ति आ जायेगा, उसका बर्बाद होना तय है और आज भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार मोदी भक्ति में लीन है, जिसका खामियाजा आने वाले समय में सभी लोगों को भोगना होगा।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन आज उसी आरएसएस की विचारधारा पर केन्द्र और अन्य राज्यों में सरकारें चल रही है, जिसके कारण देश को काफी नुकसान हो रहा है। आज देश में अघोषित आपातकाल लगाकर सभी वर्गों का और सभी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों का अधिकार छीना जा रहा है। इसके खिलाफ फिर से जेपी जैसे आंदोलन को खड़ा करने के लिए हम सभी को सार्थक प्रयास करना होगा।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और छात्र राजद के राष्ट्रीय संरक्षक तेजप्रताप यादव ने कहा कि छात्र आंदोलन की शुरूआत हमारे पिता लालू प्रसाद ने की थी और उन्होंने उस आंदोलन से समाज को संघर्ष और समझौता नहीं करने की सीख दी थी। साथ ही उस समय महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनांदोलन खड़ा किया, जिस कारण लोकनायक जयप्रकाश ने लालू प्रसाद को नेतृत्व देने का काम किया। आज फिर से बिहार में समाजिक न्याय की विचारधारा से प्रभावित लोगों को एकजुट होकर जेपी की तरह मजबूती से लड़ने का संकल्प लेना होगा और इसके लिए छात्र और युवाओं को आगे आकर संघर्ष और आंदोलन का नेतृत्व संभालना होगा, क्योंकि डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है।
राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई, शैक्षणिक अनियमितता के कारण हाहाकार की स्थिति है। जिन छात्र और नौजवानों ने अपने प्राणों की आहूति देकर आंदोलन को परवान चढ़ाया, उनके लिए हमसभी को आज एकजुट होकर आंदोलन की पृष्ठभूमि को आगे बढ़ाना होगा और राजनीतिक कुव्यवस्था के खिलाफ दृढ़संकल्प होकर आगे बढ़ना होगा। इन्होंने जेपी आंदोलन के सेनानियों को याद करते हुए उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
वहीं राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुलबारी सिद्दिकी ने युवाओं और छात्रों से कहा कि जेपी की प्रासंगिकता तभी साकार हो सकती है जब हम उनके बताये मार्गों पर दो कदम भी आगे चलने के प्रति संकल्पित हो। पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांति सिंह ने कहा कि जेपी आन्दोलन की प्रासंगिकता तभी सार्थक होगी जब समाज महिलाओं को मान-सम्मान देने का कार्य करेगा।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री अशोक कुमार सिंह, शिवचन्द्र राम, उपाध्यक्ष सलीम परवेज, पूर्व सांसद राजनीति प्रसाद, विधायक रणविजय साहू, सुदय यादव, मंजू अग्रवाल, दिलीप यादव, रामाशीष यादव, फैयाज आलम कमाल, धर्मेन्द्र पटेल, मुजफ्फर हुसैन राही, ददन सिंह, एजाज अहमद, मो. कारी सोहैब, आकाश यादव, पूर्व विधायक आजाद गांधी, चन्देश्वर प्रसाद सिंह, निराला यादव, डॉ. पे्रम कुमार गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे।

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