घरों में पूजा-पाठ व मिट्टी के पात्र की खरीदारी कर पटनावासियों ने मनाया अक्षय तृतीया

पटना। रविवार को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी एवं सदाशिव का पूजा-अर्चना कर श्रीसूक्त, कनकधारा का पाठ किए। सीमित संसाधनों में ही व्रत-दान और पूजन कर भगवान को रिझाने में लगे रहे। सोने-चांदी और तमाम वस्तुओं की दुकानें बंद होने से इस वर्ष स्वर्ण आदि की खरीदारी नहीं हो पाई, परंतु शास्त्र उल्लेखित विधान में मिट्टी के पात्र को सोना के बराबर माना गया है, इसीलिए लोगों ने इस तिथि पर मिट्टी के पात्र, दीपक, पीली सरसों, कपास, गौरी, कमलगट्टा आदि की खरीदारी की। नए दीपक से घरों व तुलसी में संध्या आरती कर मंगल कामना की दुआ मांगी।
स्नान से गंगा स्नान का फल
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य राकेश झा के मुताबिक अक्षय तृतीया पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है, लेकिन इस लॉकडाउन के कारण लोगों ने अपने घर में ही स्नान जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर पूजन आदि किया। ऐसी मान्यता है कि स्नान जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से भी गंगा स्नान का फल मिलता है। लोगों ने दान में सत्तू, सजल घट, आम मौसमी फल, अन्न, वस्त्र आदि का दान भी किया।
रुद्राभिषेक के मनाया अक्षय तृतीया व विवाहोत्सव दिवस
अक्षय तृतीया पर स्थानीय इंद्रपुरी मुहल्ला के प्रेम कुंज अपार्टमेंट के निवासी पटना उच्च न्यायालय के सीनियर अधिवक्ता हरेंद्र तिवारी ने अपने 23वें शादी की सालगिरह पर उन्होंने आचार्य पंडित राकेश झा की अगुवाई में अपने आवास पर सीमित संसाधनों में ही रुद्राभिषेक एवं श्रृंगार पूजा कर अपना वैवाहिक उत्सव मनाया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष आज के दिन अपने पैतृक गांव बेतिया में हम लोग यह पूजा करते आ रहे हैं, परंतु इस साल कोरोना वायरस के कारण हुई लॉक डाउन से आवाजाही पूर्णतया बंद है, इसलिए हम लोग आज अपने कर्म भूमि पटना में अपने निवास स्थान पर हैं भगवान सदाशिव की पूजन अर्चन कर, उनसे सफल एवं सुखद जीवन की कामना के साथ-साथ इस वैश्विक महामारी कोरोना से जल्द मुक्ति के लिए प्रार्थना किए।

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