खासमहाल वासियों ने सीएम नीतीश से लगाई गुहार, कहा- मूलभूत अधिकारों से वंचित ना करे सरकार

पटना। बिहार सरकार की खासमहाल नीति 2011 के अनुसार, स्थानीय बाशिंदों को उनके घर से बेघर करने के खिलाफ रविवार को खासमहाल सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी की ओर से राजधानी के कदमकुआं स्थित सेंट सेवरेंस स्कूल में एक आपात बैठक सह संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया। इस दौरान खासमहाल निवासियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से खासमहाल नीति 2011 को निरस्त करने की मांग की और कहा कि वे उन्हें उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित न करें।
संवाददाता सम्मेलन में सोसाइटी के महासचिव शैलेंद्र नाथ सिन्हा और उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि सरकार और प्रशासन के द्वारा विगत कई दिनों से खासमहाल वासियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन खासमहाल बाशिंदों के ऊपर एकतरफा कार्रवाई करते हुए उनको घर से बेघर करने का काम कर रही है। इसलिए सोसायटी के सारे सदस्यों ने मिलकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए घर कब्जा करने के आदेश को तुरंत निरस्त करने का आग्रह किया है। साथ ही प्रशासन से मांग किया है कि नगर निगम के तर्ज पर अविलंब खासमहल वासियों का म्यूटेशन एवं किराया लेना स्वीकार करें तथा पुराने सर्विस निरस्त कर सरकार हमारे जमीन को पीआरडीए और हाउसिंग बोर्ड की जमीन की तरफ फ्री होल्ड करें।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय एवं सुप्रीम कोर्ट ने खासमहाल 2011 के नीति 7 बटा 4 बटा 2011 से पहले के लीज होल्ड धारकों पर लागू नहीं करने का आदेश दिया है। फिर भी प्रशासन द्वारा मालगुजारी नहीं लेना, म्यूटेशन नहीं करना, पुराने लीजधारियों का गलत सर्वे रिपोर्ट का आधार बनाकर पुलिस के द्वारा मकान खाली करवा रही है, जो सरासर कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना है। सोसाइटी के सारे सदस्यों ने सरकार से गुहार लगाया कि सरकार प्रशासन के द्वारा घर कब्जा करने के आदेश को तुरंत बंद कराएं।

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