कोरोना से जंग : रेलवे 208 कोचों को बना रहा क्वारंटाइन-आइसोलेशन वार्ड, 1664 बेड होंगे उपलब्ध

हाजीपुर। कोरोना वायरस को देखते हुए रेलवे भी अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इसी क्रम में इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए यात्री कोचों को चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित क्वारंटाइन-आइसोलेशन वार्ड के रूप में बदला जाएगा, जिसे आवश्यकतानुसार उचित स्थल पर खड़े किए जाएंगे।
रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार पूर्व मध्य रेल द्वारा 208 शयनयान श्रेणी के कोचों को क्वारंटाइन-आइसोलेशन वार्ड बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। स्लीपर कोचों को केबिन के रूप में विकसित किया जाएगा। शुरूआत में पूर्व मध्य रेल द्वारा कुल 208 यात्री कोचों को परिवर्तित किए जाएंगे, जिनमें कुल 1664 बेड (प्रति कोच 8 बर्थ) उपलब्ध होंगे। दानापुर मंडल में 55, धनबाद मंडल में 45, सोनपुर मंडल में 37, समस्तीपुर मंडल में 22, पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में 20 एवं सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना हरनौत में 29 कोचों को क्वारंटाइन-आइसोलेशन कोच के रूप में तब्दील किया जाएगा। इनमें जीवन रक्षक दवाएं, चिकित्सा उपकरण, जांच मशीनें और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहेंगे।
मरीज की जरूरत के हिसाब से कोचों के एक शौचालय को स्नानागार में बदला जाएगा जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगे। प्रत्येक केबिन के दोनों मिडिल बर्थ को हटाया जा रहा है। वॉशबेसिन में लिफ्ट प्रकार के हैंडल के साथ नल को उचित उंचाई पर स्थापित किया जाएगा ताकि बाल्टी को भरा जा सके। चिकित्सा विभाग द्वारा दो आॅक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसे केबिन के साइड बर्थ पर उपयुक्त जगह पर लगाए जाएंगे। चिकित्सा उपकरण रखने के लिए प्रत्येक केबिन में दो बोतल होल्डर लगेंगे। उचित वेंटिलेशन की सुविधा के साथ खिड़कियों पर मच्छदानी तथा उपयुक्त स्थल पर पर्याप्त डस्टबीन उपलब्ध रहेंगे। कोचों को इन्सुलेशन और गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए के लिए कोच के उपरी भाग तथा खिड़की के आसपास बांस-खड़ के मैट लगाया जाऐंगे।
विदित हो कि पूरे भारतीय रेल पर इस तरह के 20 हजार कोच तैयार किए जाने की योजना है, जिनमें आइसोलेशन हेतु 3.2 लाख (तीन लाख बीस हजार) बेड उपलब्ध होंगे। इनमें से 5 हजार कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने पर कार्य प्रारंभ हो गया है, जिससे 80 हजार बेड उपलब्ध होंगे। रेलवे के इन प्रयासों से न केवल कोरोना वायरस से लड़ाई में मजबूती आएगी बल्कि वायरस से लड़ने के राष्ट्रीय प्रयासों को भी बल मिलेगा।
