कोरोना के कहर के बीच तेजी से फैल रहा फ्लू, वायरल फीवर से डरें नहीं, सतर्क रहें

फुलवारी शरीफ। कोरोना के कहर के बीच बदलते मौसम में तेजी से फ्लू फैल रहा है। फ्लू के भी लक्षण कोरोना जैसे ही होते हैं, इसलिए लोग फ्लू में भी कोरोना को लेकर परेशान हो जा रहे हैं। कोरोना महामारी के वर्तमान समय में लोगों को मानसूनी बीमारी फ्लू, वायरल फीवर, सर्दी और खांसी से डरने की कोई बात नहीं है बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है। बचाव के बारे में कहा कि इस मौसम में पानी उबालकर पीने का प्रयास करें, हाथ लगातार धोते रहें तथा हाथ से अपने चेहरे को न छूएं, यह कई बीमारियों से बचाता है. मलेरिया, चिकेनगुनिया तथा डेंगू से बचने के लिए मच्छरदानी, मच्छररोधी क्रीम, मच्छररोधी उपकरण का इस्तेमाल जरूर करें। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में न जाएं। कोरोना से बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए संतुलित भोजन के अलावा विटामिन बी, सी और डी का सेवन करें। ये बातें पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटना के डॉ. वीके ठाकुर ने बताई।
उन्होंने बताया कि इन बीमारियों से लगभग 25 फीसदी लोग प्रभावित होते हैं। दो दिनों के बाद भी इन बीमारियों के नहीं कम होने पर डॉक्टर से सलाह जरुर ले लें क्योंकि इन बीमारियों के लक्षण कोविड-19 के समान मिलते हैं। इस दौरान सांस लेने में अगर तकलीफ महसूस हो तो अपने शरीर के आक्सीजन लेवल की जांच कराते रहें। अगर आप आक्सीमीटर खरीदने की स्थिति में हैं तो इसे अपने साथ जरूर रखें। आॅक्सीजन का सामान्य लेवल 93 रहता है, अगर यह गिरने लगे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। इन बीमारियों से बचाव के लिए गर्म पानी का सेवन करें या फिर पानी को उबालकर ठंडा करने के बाद पीयें। घर का खाना खाएं, बाहर के खाने से परहेज करें। डॉ. ठाकुर ने बताया कि तापमान के उतार-चढ़ाव के चलते इस मौसम में फ्लू, वायरल फीवर, सर्दी, खांसी और पानी जनित बीमारियां होती हैं। पानी जनित बीमारियों में मलेरिया, डेंगू, चिकेनगुनिया, डायरिया और हेपेटाइटिस ए और ई शामिल हैं। इसलिए अपने घर के आसपास जलजमाव न होने दें तथा कूलर का पानी बदलते रहें। इसके अलावा गमला में भी जलजमाव न होने दें। डायरिया में अगर दो-चार बार दस्त हो तो ओआरएस का घोल जरूर पीयें तथा दस्त अत्यधिक होने लगे तो डॉक्टर से सम्पर्क करें।
