कुछ ऐसा रहा बजट सत्र का 9वां दिन : तेजस्वी के शिक्षा के साथ ही पटना में जाम पर उठा सवाल, विपक्ष का प्रदर्शन
पटना। बिहार विधानमंडल में बजट सत्र के 9वें दिन शिक्षा विभाग पर चर्चा के बाद अभिभाषण के दौरान शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सरकार ने बच्चों को उनकी मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा देने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक विद्यालयों में स्थानीय भाषा यानी मैथिली, भोजपुरी में पढ़ाई कराई जाएगी। इस बीच भाकपा (माले) के विधायक महबूब आलम ने उर्दू का जिक्र किया तो मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि आप सोचते हैं कि उर्दू पीछे है, जबकि उर्दू कहां से कहां पहुच गई। सरकारी शिक्षकों को लेकर विजय चौधरी ने कहा कि उनकी समस्याओं को सरकार देख रही है। उन्हें बकाया से लेकर सबकुछ देने को तैयार हैं। लेकिन शिक्षकों का जो काम है, उन्हें करना चाहिए। विपक्ष को बोलने का मौका नहीं दें।
नेता प्रतिपक्ष की शिक्षा पर सवाल, हंगामा
विधानसभा में जदयू विधायक विनय चौधरी ने तेजस्वी यादव की शिक्षा को लेकर सवाल उठाया। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं स्कूल में पढ़ा हूं, लेकिन मेरी डिग्री फर्जी नहीं है। मेरी 7 बड़ी बहनें और बड़े भाई तेज प्रताप भी सरकारी स्कूल में पढ़े हैं। मेरा तो जन्म ही चपरासी फ्लैट में हुआ है। उधर विधान परिषद में एमएलसी संजय मयूख ने पत्रकारों के लिए आवास उपलब्ध कराने की मांग की। राजद के एमएलसी रामचंद्र पूर्वे ने पत्रकारों की पेंशन राशि को 6 हजार से बढ़ाकर 12 हजार करने की मांग की।
नितिन नवीन को तकनीकी शब्दों को समझना चाहिए
इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही के दौरान पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन को इसी विभाग के पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव ने विभागीय कार्य को लेकर सलाह दी। पूर्व मंत्री ने कहा कि तकनीकी शब्दों को समझना चाहिए। उन्होंने सवाल और जवाब दोनों को गलत बताया। पूर्व पथ निर्माण मंत्री ने कहा कि ओवरब्रिज को रेल या सड़क पुल बोला जाता है। दरअसल, भाजपा के विधायक संजय सरावगी ने पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन से दरभंगा में आरओबी से जुड़ा सवाल पूछा था। इसका जवाब देने के दौरान नितिन नवीन ने तकनीकी तौर पर गलत शब्दावली का इस्तेमाल किया था। पथ निर्माण विभाग के सवालों का जवाब आनलाइन मिलने में दिक्कत हो रही है, इसको लेकर कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ ने सवाल उठाया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने मंत्री नितिन नवीन को निर्देश दिया कि इसके लिए जिम्मेवार लोगों से जवाब लिया जाए।
विधानसभा में उठा आईटीआई कॉलेज का मामला
उधर, राजद विधायक भाई बीरेंद्र ने 11 आईटीआई कॉलेज की स्वीकृति के बावजूद भवन निर्माण नहीं होने का सवाल उठाया। जवाब में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कोविड के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई है। अगले 3 महीने में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कई जगह जमीन अभाव के कारण कार्य शुरू नहीं हो सका।


विधान परिषद में उठा सरकारी नौकरी से हटाए जाने का मामला
विधान परिषद में एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने अक्षमता के आधार पर नौकरी से हटाए जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णय से राज्य में बड़े पैमाने पर नौकरी कर रहे कर्मचारियों को जबरन नौकरी से हटा दिया जाएगा। समय से पहले दो अभियंताओं को नौकरी से निकाल दिया गया, यह उनके परिवार के साथ अन्याय है। 10 साल पहले नौकरी से हटा देना असंवेदनहीनता है। पार्षद रामचंद्र पूर्वे ने इसे मानसिक प्रताड़ना बताया। जवाब में मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि सरकारी सेवकों की उम्र एवं उनकी कार्य दक्षता के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति कराए जाने का प्रावधान बिहार सेवा संहिता में ही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सेवानिवृत्ति है, बर्खास्तगी नहीं। पेंशन मिलती रहेगी।
पटना में जाम पर सवाल
विधान परिषद में एमएलसी केदारनाथ पांडे ने दानापुर से पटना और गांधी मैदान जाने आने वाली मुख्य सड़क पर जाम का मुद्दा उठाया। जवाब में मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि अवैध पार्किंग पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इसे नियमित रूप से देखा जाएगा।
विपक्ष के विधायकों का प्रदर्शन
इससे पहले सदन के बाहर विपक्ष के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। भाकपा (माले) के विधायकों ने प्रधानमंत्री आवास योजना में जारी लूट पर लगाम लगाने, मनरेगा में 200 दिन काम और 500 रुपए दैनिक मजदूरी को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने भूदान जमीन पर काबिज दलितों-गरीबों को हटाने की कार्रवाई को बंद करने की मांग की। वहीं विधानसभा गेट के बाहर राजद विधायकों ने पोस्टर लेकर हंगामा किया। राजद विधायक ललित यादव ने कहा कि बिहार में न ही रोजगार है और न ही व्यापार है। यहां सिर्फ भ्रष्टाचारियों की सरकार है। उन्होंने बताया कि बिहार में शिक्षा की स्थिति हर दिन गिरते जा रही है, शिक्षा में गिरावट हो रही है। प्रदेश में शिक्षा के स्तर पर पलायन हो रहा है। सरकार सिर्फ जुमलेबाजी कर रही है।

