कांग्रेस की ओर से ‘बिहार में किसानों का वर्तमान एवं भविष्य’ विषय पर परिचर्चा आयोजित

पटना। कल देर शाम बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के रिसर्च विभाग की ओर से किसानों से जुड़ी हुई समस्याएं एवं उनके निराकरण के संदर्भ में बिहार में किसानों का वर्तमान एवं भविष्य नामक विषय पर एक परिचर्चा जूम पर आयोजित की गई। इस चर्चा में 47 लोग जो किसी ना किसी प्रकार किसान और किसानी से जुड़े हुये हैं, ने भाग लिया। जिसमें स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, पंचायत एवं जिÞला परिषद प्रतिनिधि, कृषि विशेषज्ञ, कृषि वैज्ञानिक, कृषि शिक्षक, एक्टिविस्ट, भूमिहीन किसान, कृषि कार्यकर्ता, कृषि कार्य के लिये पुरस्कृत लोग सम्मिलित हुए। मुख्य वक्ता के रूप में देश की जानी मानी पद्मश्री से सम्मानित किसान चाची, फूड एवं ऐग्रिकल्चर ओर्गनायजेशन आॅफ यूनाइटेड नेशन के वित्तीय सलाहकार, नीरज कुमार, मशरूम गर्ल अनुपमा कुमारी, आईटीसी के प्रबंधन के मोहम्मद असगर, पूर्व कृषि सलाहकार डॉ नरेश प्रसाद, किसान एक्टिविस्ट संजीव श्रीवास्तव, बिहार कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के हिमांशु कुमार, राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट से सुगंधा मुंशी ,आॅक्सफैम से प्रेम आनंद, कम्युनिटी की एसोसिएट डायरेक्टर आरती कुमारी, सेवा भारत से बल्लरी एवं सुबोध कुमार मिश्रा, कृषि विश्वविधालय सबौर के प्रो. में जिआउल होदा, अखिल भारतीय राष्ट्रवादी किसान संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष, चंदन कुमार सिंह, नेशनल कोआॅर्डिनेटर किसान सेल एआईसीसी से प्रणब प्रकाश, पूर्व विधायक जनार्दन शर्मा, सदस्य, जिला परिषद, अनीता यादव, क्षेत्रीय प्रबंधक, एक्शन एड सौरव कुमार एवं अनुपमा सिंह, अध्यक्ष किसान सेल, बिहार कांग्रेस अजय सिंह, बिस्कोमान के निदेशक एवं सदस्य जिला परिषद, सुनील सिंह, राहुल मिश्रा एडवोकेट, पटना हाईकोर्ट, राकेश सिंह, कॉलेज प्राध्यापक , गोपाल कृष्ण, किसान, अरुण वर्मा पूर्व पंचायत समिति सदस्य एवं किसान, लेनी जाधव, नेशनल कोआर्डिनेटर, रिसर्च डिपार्टमेंट, एआईसीसी, राजेश निराला एवं अश्वनी कुमार डिस्ट्रिक्ट कोआॅर्डिनेट रिसर्च डिपार्टमेंट आदि उपस्थित थे।
बिहार कांग्रेस रिसर्च विभाग के चेयरमैन आनंद माधव ने अपनें स्वागत भाषण में कहा कि आज और कल की परिस्थिति में बहुत का फर्क़ है। कोविड-19 के कारण कृषि में भी बड़ा परिवर्तन आना वाला है और हमें उस परिवर्तन के हिसाब से ही अपने कृषि नीतियों का निर्धारण करना होगा। इस देश को जीवित रखनें के लिये किसान हित में सोचना आज हमारा पहला कार्य है। क्योंकि किसान आबाद रहेंगे तो देश खुशहाल होगा। इस गोष्ठी का उद्देश्य लोगों के विचारों को लेकर उन्हें क्रियान्वयित करनें का प्रयास करना। हमारे आने वाले मैनिफेस्टो की प्राथमिकता हैं किसान, छात्र, महिलायें और बेरोजगार।

किसान चाची ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हमें कृषि के साथ-साथ किसानों को कृषि से जुड़े हुए रोजगार की तरफ प्रोत्साहित करना पड़ेगा एवं सरकार को उन्हें लोन से लेकर सही ट्रेनिंग की व्यवस्था करवानी होगी, सिर्फ़ कृषि पर अब किसान निर्भर होकर आत्मनिर्भर नहीं हो सकता। साथ-साथ कुछ ना कुछ तो करना होगा अलग से। नीरज कुमार ने लैंड होल्डिंग एवं माइग्रेंट वर्कर्स को कृषि क्षेत्र में मनरेगा के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने एवं पंचायत स्तर पर मिड डे मील जैसी परियोजनाओं के पंचायत स्तर पर ही प्रोक्योरमेंट पर ध्यान देने की बात कही। साथ ही उन्होंने कृषि में हो रहे करप्शन पर भी ध्यान दिलाया। डॉ. नरेश ने कांग्रेस सरकार के समय से बंद पड़ी हुई नदी एवं नहर परियोजनाओं को दोबारा चालू करवाने की सिफारिश की े सुगंधा मुंशी ने कहा कि आज किसानों को जरूरत है नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कृषि करने की, साथ ही सही किसान की पहचान एवं जो मजदूर करोना के बाद बिहार वापस आएँगे उनके लिए कृषि क्षेत्र में सही व्यवस्था करने की जरूरत है। आरती कुमारी ने लैंड रिफॉर्म एवं बंधोपाध्याय कमेटी के साथ-साथ असिंचित भूमि पर खेती लायक बनाने एवं उसके इस्तेमाल की व्यवस्था करने पर जोर दिया। संजीव श्रीवास्तव ने पशुधन के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त कमाई एवं भूमिहीन किसानों को मुर्गी पालन, अंडा ,गोत्री एवं अन्य विधियों के माध्यम से कमाई का जरिया बढ़ाने एवं ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस क्षेत्र से जोड़ने की सलाह दी।
प्रसन्नजीत ने अच्छे किस्म के बीज एवं किस केसीसी से सही किसानों को जोड़ने पर जोर डालो चंदन कुमार सिंह ने कहा कि किसानो को लोन और सब्सिडी आसानी से उपलब्ध होना चाहिये, साथ ही मौसम की मार का तुरंत मूल्यांकन कर उसका भुगतान हो तभी किसानो का भला हो सकता है। विश्वजीत जी ने उत्पाद में लागत घटाने एवं समर्थन मूल्य को सही आकलन करने की जरूरत पर जोर डालो मोहम्मद असगर प्रोक्योरमेंट एवं गवर्नमेंट स्कीम को कॉपोर्रेट स्कीमों से जोड़ते हुए किसानों को किस तरह फायदा पहुंचाया जाए इस पर अपनी बात रखीे जनार्दन शर्मा जी ने पटवन पर लिए जा रहे गलत टैक्स एवं छोटे किसानों को लोन की बेहतर सुविधा कैसे दी जाए इस पर अपनी बात रखीे अनीता यादव ने कहा कि किसानों को अपने ऋण के स्वीकृति के लिये परखंड, जिला और राज्य स्तर तक पकेशान होना पड़ता है, इसका निपटारा प्रखंड स्तर पर ही सुनिश्चित हों प्रकाश सिंह, अरुण कुमार वर्मा, राकेश सिंह ने अच्छे बीज लोन एवं लागत मूल्य को घटाने के साथ-साथ किसान के फसलों को मार्केट से जोड़ने की बात रखीे साथ ही राजेश कुमार निराला पूर्व सैनिक में नवादा में बंद पड़ी हुई नहर एवं नदी परियोजना एवं उस में हो रहे अनियमितताओं को लेकर सरकार का ध्यान खींचने एवं किसानों को नई टेक्नोलॉजी देने के साथ-साथ की ट्रेनिंग की बात कीे अंत में लेनी जाधव ने बैठक के मुख्य बिंदुओं को संशोधित करते हुए बैठक में सम्मिलित सभी आए हुए मेहमानों का धन्यवाद दियो प्रदेश रिसर्च विभाग के सचिव सौरभ कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारी पूरा प्रयास रहेगा कि आपके दिये गये सुझाव को अध्ययन के पश्चात अपने घोषणा पत्र में शामिल कर सकें।