एम्स में कैंसर जागरूकता सप्ताह : भारत में हर साल कैंसर से होती है सात लाख मरीज की मौतें

फुलवारी शरीफ। पटना एम्स में चल रहे विश्व कैंसर जागरूकता दिवस के तीसरे दिन 120 मरीजों की नि:शुल्क जांच की गयी। इस दौरान नि:शुल्क जांच के साथ-साथ कैंसर के बचने के बारे में जागरूकता की जानकारी दे गयी। पीएसए, सीईए, सीए-125, सर्वाइकल, पैंप, स्मीयर, मेमोग्राफी की जांच नि:शुल्क की गयी। एम्स रेडियोथेरेपी विभाग की हेड डॉ. प्रीतांजलि ने कहा कि 120 लोगों की कैंसर के संबिधत जांच हुयी है। जिसमें एक स्तन कैंसर और दो मुहं के कैंसर मिले हैं। इन तीनों मरीजों की और जांच के बाद पता चल पायेगा कि कैंसर है या नहीं। देश में अब यह बीमारी एक बड़ी महामारी का रूप ले सकती है। इसके बारे में लोगों के बीच जागरूकता की जरूरत है। भारत में हर साल 10 लाख से भी ज्यादा कैंसर के नये मरीज सामने आते हैं और सात लाख मरीज से भी ज्यादा की मौत हो जाती है। भारत में कैंसर दूसरी सबसे ज्यादा कॉमन बीमारी बनती जा रही है, जिससे सबसे ज्यादा मरीज जान गंवा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर भी यह जानलेवा बीमारी सबसे ज्यादा खतरा बनी हुई है।


बहरहाल, कैंसर की रोकथाम के लिए विश्व स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन भारत में कैंसर के मामले कम नहीं हो पा रहे हैं। एक आंकड़े के मुताबिक भारत में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर (1 लाख 62 हजार 500) के मामले सामने आए हैं। इसके बाद ओरल कैंसर (1 लाख 20 हजार मामले), सर्वाइकल कैंसर (97 हजार मामले), लंग कैंसर (68 हजार मामले), पेट का कैंसर (57 हजार मामले) और कोलोरेक्टर कैंसर (57 हजार मामले) का नंबर आता है। कैंसर के ये सारे मामले कुल कैंसर के मामलों का 49 फीसदी हैं।

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