इसे कहते हैं किस्मत!, पटना से 5 साल पहले चोरी हुई बुलेट का खुला राज, दारोगा कर रहा था सवारी
पटना। इसे कहते किस्मत! कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। कुछ ऐसा ही हुआ पटना के एएन कॉलेज के पास रहनेवाले दिवाकर कुमार के साथ। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि पांच साल पहले चोरी गई बाईक उन्हें मिल जाएगी। पांच साल पहले दिवाकर कुमार के द्वारा 2015 में एसकेपुरी थाना में बुलेट चोरी का मामला दर्ज कराया गया था।
घटनाक्रम कुछ इस तरह से है, पांच साल पहले पटना के एसकेपुरी थाना क्षेत्र से चोरी हुई बुलेट बाइक का पता झारखंड में पता चला है और उसे चलाने वाले के बारे में जानेंगे तो आप भी भौचक्के रह जाएंगे। उक्त चोरी की बाइक को कोई और नहीं बल्कि दुमका का दारोगा चला रहा था। इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब एएसआइ बाइक की सर्विसिंग कराने के लिए आॅथोराइज्ड सर्विस सेंटर में दिया। सर्विसिंग पूरा होने के बाद जब रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज गया, तो उसके असली मालिक पटना के एएन कॉलेज के पास बोरिंग रोड के रहनेवाले दिवाकर कुमार को अपनी रायल इनफिल्ड क्लासिक 350 (ब्लैक) के दुमका में सर्विसिंग होने की जानकारी मिली। जिसे देखकर दिवाकर को भी सहज विश्वास नहीं हुआ कि इतने सालों बाद भी उसका चोरी हुआ बाइक सही सलामत है।
उसे कंपनी के आॅटोमेटड मैसेजिंग सिस्टम से जॉब कार्ड रजिस्टर्ड होने और इस्टिमेटेड चार्ज 545.61 रुपये होने तथा सर्विसिंग के बाद 24 दिसंबर को उपलब्ध कराने का मैसेज गया था। तब दिवाकर ने यहां के सर्विस सेंटर के कंसल्टेंट अनिल कुमार दास से संपर्क साधा, तो उन्होंने बताया कि बाइक दुमका मुफस्सिल थाना के एएसआइ ने सर्विसिंग के लिए दी थी। उन्हें थाने तक पहुंचाने के बाद वहीं से बाइक को एक कर्मी लेकर सर्विस स्टेशन लाया था और फिर बाइक की सर्विसिंग पूरा होने के बाद वे लेते गये थे।
इस मामले की जानकारी उन्होंने तुरंत डीआइजी और दुमका जिला प्रशासन को दी। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा ने एएसआइ को निलंबित कर दिया। करीब आठ दिन पहले ही एएसआइ अखलाक खान ने मुफस्सिल थाना में योगदान किया था। नगर थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बाइक को जब्त कर लिया है।
नगर थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने कहा कि मामला पटना के एसकेपुरी थाने का है। बुलेट चोरी को लेकर दिवाकर कुमार के बयान पर एसकेपुरी थाना में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। सर्विसिंग सेंटर का मैसेज दिवाकर कुमार के पास पहुंचने पर मामले का खुलासा हो पाया। संबंधित थाना को इसकी सूचना दे दी गयी है।