आरक्षण बचाने को दलीय सीमा तोड़ एक मंच पर जुटे विधायक, बनाएंगे देशव्यापी मोर्चा
पटना। बिहार में आरक्षण बचाने की लड़ाई शुरू हो गई है। एक बार फिर एससी-एसटी विधायकों की बैठक गुरूवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के आवास पर हुई। दलीय सीमाओं को तोड़ते जुए सभी राजनीतिक दलों के विधायक एक मंच पर जुटे। बैठक की अध्यक्षता परिवहन मंत्री संतोष निराला ने की। बैठक में कहा गया कि अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) आरक्षण बचाओ मोर्चा अब देशव्यापी आकार लेगा। इस वर्ग के देशभर के विधायकों को मोर्चा से जोड़ने के लिए जल्द ही नई दिल्ली में बैठक होगी।
समन्वय समिति के सदस्य और उद्योग मंत्री श्याम रजक ने बताया कि मोर्चा की देशव्यापी बैठक जुलाई के आखिरी सप्ताह में हो सकती है। रजक ने बताया कि दूसरे राज्यों के विधायकों से संपर्क किया जा रहा है, ताकि आरक्षण की लड़ाई को राष्ट्रीय स्वरूप दिया जा सके। बैठक में तय किया गया कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलने से पहले राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा। रजक ने कहा कि हम लोगों की साफ समझ है कि संविधान से हासिल इस वर्ग के आरक्षण के अधिकार को धीरे-धीरे समाप्त करने की कोशिश हो रही है। संगठित संघर्ष के बल पर इस कोशिश को रोका जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा गया था, समय नहीं मिला है। प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र मिल गया है। बैठक में प्रधानमंत्री एवं अन्य लोगों से मुलाकात के लिए 14 सदस्यीय समन्वय समिति एवं प्रतिनिधिमंडल का गठन किया गया। इसमें जीतन राम मांझी, श्याम रजक, ललन पासवान, संतोष कुमार निराला, महेश्वर हजारी, डॉ. अशोक राम, शिवचन्द्र राम, निरंजन राम, सत्यदेव राम, रवि ज्योति, रामप्रीत पासवान, मुनेश्वर चौधरी, स्वीटी हेम्ब्रम एवं भागीरथी देवी शामिल हैं।


