आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगा देश की नई शिक्षा नीति : डॉ. अमरेन्द्र
भागलपुर। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश में क्रांतिकारी परिवर्तन होंगे, इसमें बच्चों के सुनहरे भविष्य का पूरा-पूरा ख्याल रखा गया है। प्रारंभिक अवस्था से ही मातृभाषा एवं क्षेत्रीय भाषाओं में विद्या अध्ययन का प्रावधान किया गया है, इसका लाभ यह होगा की बच्चे आसानी से विषय वस्तु को समझकर अपनी भाषा-साहित्य, सभ्यता-संस्कृति और विरासत के इतिहास व भूगोल को जान व समझ सकेंगे, साथ ही अब छात्र-छात्राओं में अंग्रेजियत का असर भी कम होगा। उक्त बातें अंगिका हिंदी के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. अमरेंद्र ने कही।
उन्होंने नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति से बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने बताया कि इस शिक्षा नीति की खासियत यह है कि मातृभाषा में एवं क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा देने से छात्र-छात्राओं का मानसिक विकास निश्चित रूप से होगा और उसे समझने में सहूलियत होगी। उन्होंने बताया कि अंग महाजनपद के भागलपुर, नवगछिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, बांका, दुमका, जामतारा, देवघर, गोड्डा, गिरीडीह, साहिबगंज व पाकुड़ आदि जिलों की मातृभाषा अंगिका है। इन जिले के लोगों में इस नई शिक्षा नीति से काफी उत्साह और खुशी की लहर देखी जा रही है।


