अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एडवा ने विभिन्न मुद्दों पर किया मार्च

पटना। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला सुरक्षा, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा, किसान विरोधी-कृषि कानून की वापसी, बढ़ती महंगाई के विरूद्ध, समान काम का समान वेतन, महिला स्वास्थ्य कर्मियों की बकाया, वेतन, मानदेय का भुगतान, शहरी गरीबों को आवास एवं रोजगार आदि मुद्दों पर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, बिहार एवं आशा-ममता संघर्ष समिति, महिला उपसमिति चिकित्सा संघ के द्वारा बुद्ध स्मृति पार्क, पटना में सभा के बाद महिलाओं द्वारा मार्च निकाला गया। मार्च का नेतृत्व एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाषिणी अली सहगल, रामपरी, महिला उपसमिति की राष्ट्रीय संयोजिका बिन्दु कुमारी, रेखा कुमारी, कल्पना कुमारी, एडवा की राज्य सचिव गीता सागर, डीवाईएफआई के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी, सीटू के राज्य महासचिव गणेश शंकर सिंह, बेफी नेता बी प्रसाद ने किया।
मार्च बुद्ध स्मृति पार्क से निकल कर डाकबंगला चैराहा होते हुए रेडियो स्टेशन से वापस लौटते हुए डाकबंगला चैराहा पर समाप्त हुआ। इस मौके पर बुद्धा स्मृति पार्क परिसर में समिति द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करते हुए एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सुभाषणी अली ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम समानता और बराबरी के लिए सदियों से चल रहे महिला आंदोलन और संघर्षों को याद करते हैं, अपने देश में मौजूदा परिस्थितियों का मूल्यांकन करते हैं और आगे की लड़ाई की तैयारी करते हैं। हमारे लिए आज का दिन फूलों के गुलदस्तों से लोगों को सम्मानित करने का या फिर एक दूसरे की पीठ को थपथपाने का दिन नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने का फैसला 1910 मे समाजवादी महिलाओं के सम्मेलन मे लिया गया था। इसका प्रस्ताव, जर्मनी की महान समाजवादी नेता, कलार जेटकिन ने रखा था। उनका कहना था कि एक साल पूर्व, न्यूयार्क में कपड़ा बनाने वाली महिला श्रमिकों की लंबी हड़ताल की याद मे इस दिन को मनाया जाना चाहिए। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति अपने झंडे तले और अन्य महिला संगठनों के साथ लगातार इन मुद्दों को उठाती रही है, उनके खिलाफ आंदोलन करती रहेगी। 8 मार्च के अवसर पर हम वचन लेते हैं कि अधिक निष्ठा के साथ हम अपने संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे।

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