जोमैटो ने प्लेटफार्म फीस में की बढ़ोतरी, ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना होगा महंगा, नई दरें हुई लागू

नई दिल्ली। ऑनलाइन फूड डिलीवरी की दुनिया में बड़ा बदलाव आया है। देश की अग्रणी फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने अपने प्लेटफॉर्म फीस में इज़ाफा कर दिया है। अब ग्राहकों को हर ऑर्डर पर पहले से 2 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। कंपनी ने 2 सितंबर 2025 से यह नई दरें लागू कर दी हैं। पहले यह शुल्क 10 रुपये था, जिसे अब बढ़ाकर 12 रुपये कर दिया गया है।
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग में बढ़ता रुझान
तेज़ रफ्तार जीवनशैली में लोग घर पर खाना बनाने से ज्यादा मोबाइल ऐप्स पर भरोसा कर रहे हैं। मेट्रो शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक, ऑनलाइन खाना मंगवाना अब दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। ऐसे में जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियां लगातार अपने ग्राहक आधार को मजबूत कर रही हैं। लेकिन बढ़ती डिमांड के साथ-साथ ऑपरेशनल खर्च भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से प्लेटफॉर्म फीस में यह बढ़ोतरी की गई है।
दो साल में छह गुना बढ़ी फीस
जोमैटो की प्लेटफॉर्म फीस का इतिहास देखें तो यह वृद्धि लगातार होती रही है। इसकी शुरुआत 2023 में हुई थी, जब कंपनी ने सिर्फ 2 रुपये फीस लेना शुरू किया था। इसके बाद इसे बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया गया। 1 जनवरी 2024 को यह 4 रुपये हो गई। उसी साल के अंत में त्योहारों के दौरान इसे अस्थायी रूप से 9 रुपये किया गया, जिसे बाद में स्थायी रूप से 10 रुपये कर दिया गया। अब, 2025 में यह 12 रुपये तक पहुंच गई है। यानी दो साल में यह फीस छह गुना बढ़ चुकी है।
हर ऑर्डर पर 2 रुपये का अतिरिक्त बोझ
जो ग्राहक कभी-कभार ऑर्डर करते हैं, उनके लिए यह बदलाव ज्यादा असरदार नहीं होगा। लेकिन जो लोग महीने में कई बार ऑर्डर करते हैं, उनके खर्च पर इसका सीधा असर पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई ग्राहक महीने में 20 बार ऑर्डर करता है, तो पहले उसे कुल 200 रुपये प्लेटफॉर्म फीस देनी होती थी। अब यह बढ़कर 240 रुपये हो जाएगी। यानी सालाना हिसाब से देखें तो ऐसे ग्राहकों पर लगभग 500 रुपये से ज्यादा का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है।
कंपनी का तर्क: ऑपरेशनल लागत में बढ़ोतरी
जोमैटो का कहना है कि यह बढ़ोतरी बढ़ती ऑपरेशनल लागत को देखते हुए की गई है। त्योहारों और छुट्टियों के दौरान ऑर्डर की संख्या कई गुना बढ़ जाती है, जिससे डिलीवरी नेटवर्क पर दबाव बढ़ता है। कंपनी का मानना है कि यह अतिरिक्त शुल्क उन्हें सेवाओं को और तेज और भरोसेमंद बनाने में मदद करेगा।
ग्राहकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
ग्राहकों की प्रतिक्रिया इस फैसले पर बंटी हुई है। कुछ लोगों का कहना है कि 2 रुपये का इज़ाफा बहुत बड़ा बोझ नहीं है, अगर इसके बदले उन्हें तेज और समय पर डिलीवरी मिलती है। लेकिन जो लोग रोज़ या हफ्ते में कई बार खाना ऑर्डर करते हैं, उनके लिए यह धीरे-धीरे बड़ी राशि बन जाती है। सोशल मीडिया पर कई ग्राहकों ने सवाल उठाया है कि कंपनी मुनाफा बढ़ाने के नाम पर बार-बार फीस क्यों बढ़ा रही है।
प्रतिस्पर्धा पर असर?
जोमैटो की इस घोषणा के बाद निगाहें उसके प्रतिद्वंद्वी स्विगी पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि स्विगी भी जल्द ही अपने प्लेटफॉर्म फीस में संशोधन कर सकता है। दोनों कंपनियां लंबे समय से प्राइसिंग और सर्विस को लेकर एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करती रही हैं। ऐसे में प्लेटफॉर्म फीस बढ़ने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि ग्राहक किस कंपनी की ओर झुकते हैं। जोमैटो की प्लेटफॉर्म फीस में की गई यह बढ़ोतरी ग्राहकों की जेब पर असर डालने वाली है। छोटी राशि लगने वाली यह फीस उन लोगों के लिए बड़ी हो जाती है, जो महीने में कई बार ऑर्डर करते हैं। कंपनी इसे सेवा सुधार और लागत नियंत्रण का उपाय बता रही है, लेकिन उपभोक्ताओं के बीच इस पर बहस छिड़ गई है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में ग्राहक इस अतिरिक्त खर्च को सहजता से स्वीकार करते हैं या विकल्पों की ओर रुख करते हैं।
