BIHAR : जनकवि महेश ठाकुर ‘चकोर’ द्वारा लिखित भोजपुरी काव्य संग्रह ‘जरूर कोई बात बा’ का लोकार्पण

मुजफ्फरपुर। प्रसिद्ध साहित्यकार व पूर्व कुलपति डॉ. रिपुसूदन श्रीवास्तव और भोजपुरी अभिनेता गोपाल राय ने मुजफ्फरपुर के किरण श्री विवाह भवन में जनकवि महेश ठाकुर ‘चकोर’ द्वारा लिखित भोजपुरी काव्य संग्रह ‘जरूर कोई बात बा’ का विमोचन किया गया। इस दौरान डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि सच्चा कवि जनता का आवाज होता है। इस मामले में महेश ठाकुर चकोर के सच्चे कवि प्रवक्ता हैं। कई चर्चित प्रसिद्ध गीतों के लोकप्रिय रचनाकार चकोर जी के संग्रह लगातार आएं इन्हीं शुभकामनाओं के साथ इनके प्रस्तुत हो रहे इस संग्रह का बहुत बहुत अभिनंदन करता हूं।
इससे पहले भोजपुरी काव्य संग्रह ‘जरूर कोई बात बा’ के लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारंभ विधिवत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर साहित्यकार डॉ. ब्रजभूषण मिश्रा, डॉ. कुमार विरल, डॉ. संजय पंकज, डॉ. रामप्रवेश सिंह, डॉ. जयकांत सिंह ‘ जय’, डॉ. गोपेश्वर सिंह और महेश ठाकुर चकोर ने किया। गायिका काजल श्री ने स्वागत गान की प्रस्तुति दी, वहीं लोक कलाकार प्रेम रंजन ने बटोहिया की प्रस्तुति दी।
इस मौके पर अभिनेता गोपाल राय ने कहा कि महेश ठाकुर ‘चकोर’ को मैं बहुत पहले से देखते-सुनते आ रहा हूं। मैं इनकी बातों से काफी प्रभावित होता रहा हूं। इन्होंने कविता एवं गीत समाजहित को ध्यान में रखकर लिखा तथा लोगों को प्रेरणा देती है। डॉ. ब्रजभूषण मिश्र ने कहा कि ‘जरूर कोई बात बा’ भोजपुरी के जन-कवि महेश ठाकुर चकोर उन गीतों का संग्रह है, जो उत्तर बिहार की जन-वाणी बन चुके हैं। आज देश की जनता जिन दुर्दशाओं और उत्पीड़न से गुजर रही है, उसे जनता की भाषा में जनता तक पहुंचाना और उसे आंदोलन के लिए प्रेरित करना हर सच्चे कवि का दायित्व है। इस दृष्टि से उत्तर बिहार के दो जन कवि डॉ. कुमार विरल और डॉ. महेश ठाकुर चकोर हमारे गौरव हैं। डॉ. कुमार विरल ने कहा कि महेश ठाकुर चकोर गंडक के धार के कवि है। कविता को रचने और जीने की कला इनमें कूट-कूट कर भरी हुई है। समाज का सरोकार इनकी कविता का केन्द्र बिंदु है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. रामप्रवेश सिंह और मंच संचालन सुमन वृक्ष ने किया। वहीं स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महेश ठाकुर चकोर ने कहा कि यह पुस्तक अपनी पुष्पा चकोर को समर्पित करता हूं, जिन्होंने हमेशा मुझे सहयोग दिया।
इन्हें किया गया सम्मानित
डॉ. रिपुसूदन श्रीवास्तव, डॉ. रामप्रवेश सिंह, डॉ. ब्रजभूषण मिश्रा, गोपाल राय, डॉ. संजय पंकज, डॉ. कुमार विरल, डॉ. जयकांत सिंह ‘जय’, डॉ वीरेन्द्र शर्मा, डॉ. हरिनारायण ठाकुर, डॉ. रंजीत पटेल, महेश प्रसाद सिंह, केदारनाथ प्रसाद, सुनील कुमार(लोक कलाकार), सुमन वृक्ष, कुंदन कुमार (पीआरओ), सोनू निगम (पीआरओ), बैद्यनाथ विद्यार्थी, विनय कुमार मिश्र को सम्मान स्वरूप शाल और मोमेंटो दिया गया।
