पटना में राहुल-सोनिया पर चार्जशीट के विरोध में युवा कांग्रेस का प्रदर्शन, सचिवालय हॉल्ट पर रोकी ट्रेन

पटना। बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर राजनीतिक हलचल का केंद्र बन गई, जब युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ चार्जशीट दायर किए जाने का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन ने तब तूल पकड़ा जब कार्यकर्ताओं ने सचिवालय हॉल्ट स्टेशन पर ट्रेन को रोककर विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों की इस कार्रवाई से न केवल यातायात प्रभावित हुआ बल्कि पुलिस और प्रशासन को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
नेशनल हेराल्ड केस बना विरोध का केंद्र
नेशनल हेराल्ड केस कांग्रेस पार्टी के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किए जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश फैल गया है। युवा कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए खुला विरोध जताया। उनका कहना है कि यह कार्रवाई केवल राजनीतिक दबाव बनाने और गांधी परिवार की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से की जा रही है।
सचिवालय हॉल्ट पर ट्रेन रोकी गई
प्रदर्शन के दौरान युवा कांग्रेस कार्यकर्ता पटना के सचिवालय हॉल्ट स्टेशन पहुंचे और वहाँ से गुजरने वाली एक ट्रेन को रोक दिया। कुछ कार्यकर्ता सीधे ट्रेन के सामने जाकर लेट गए, जिससे ट्रेन को तत्काल रोका गया। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ था लेकिन ट्रेन रोकने की घटना ने इसे उग्र रूप दे दिया। यात्रियों को असुविधा हुई और रेलवे प्रशासन को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
पुलिस ने की मशक्कत, प्रदर्शनकारी हटाए गए
प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा। ट्रेन के सामने लेटे कार्यकर्ताओं को हटाने में पुलिस को खासी मेहनत करनी पड़ी। कई बार स्थिति तनावपूर्ण भी हो गई, लेकिन पुलिस ने संयम के साथ कार्रवाई की। अंततः सभी प्रदर्शनकारियों को हटाया गया और ट्रेन को फिर से रवाना किया गया। हालांकि इस दौरान यातायात कुछ समय के लिए बाधित रहा और यात्रियों को देरी का सामना करना पड़ा। युवा कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उनका आरोप है कि गांधी परिवार को टारगेट कर एक सोची-समझी रणनीति के तहत उन्हें बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर सरकार ने इस तरह की कार्रवाई जारी रखी तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर और भी बड़े स्तर पर विरोध करेगी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पटना प्रशासन ने इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की। प्रशासन ने कहा कि लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान किया जाएगा, लेकिन किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ट्रेन रोकने जैसी घटनाएं आम लोगों को प्रभावित करती हैं और प्रशासन ऐसी गतिविधियों को गंभीरता से ले रहा है। यह घटना बताती है कि नेशनल हेराल्ड केस केवल एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है, जिसमें कांग्रेस पार्टी और उसके समर्थक इसे सत्ता पक्ष की रणनीति मान रहे हैं। युवा कांग्रेस के इस प्रदर्शन ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में विपक्ष का रुख और अधिक आक्रामक हो सकता है। साथ ही, सरकार और प्रशासन के सामने यह चुनौती होगी कि विरोध को कैसे नियंत्रित किया जाए, बिना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किए।

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