मोतिहारी में हादसे में घायल युवक की इलाज के दौरान मौत, अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप, परिजनों ने किया हंगामा
मोतिहारी। पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में मंगलवार को सड़क हादसे में घायल युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। युवक की मौत के बाद परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। परिजनों का आरोप है कि निजी अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपए की मांग की थी। जब पूरा पैसा नहीं दिया जा सका तो डॉक्टरों ने इलाज रोक दिया और ऑक्सीजन व दवा हटा दी, जिसके कारण युवक ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ कर दी और शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। मौके पर आगजनी भी हुई। घटना छतौनी थाना क्षेत्र के बाइपास स्थित सनराइज हॉस्पिटल की है। मृतक युवक की पहचान रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के मजूरहा गांव निवासी बबलू कुमार (22 वर्ष) के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, बबलू की शादी अभी महज एक माह पहले ही हुई थी। वह परिवार का बड़ा बेटा था और ऑटो चलाकर घर का खर्च उठाता था। परिवार की जिम्मेदारी उसके कंधों पर थी। अचानक हुई इस घटना से पूरे परिवार में मातम का माहौल है।
हादसा कैसे हुआ
बताया जाता है कि बीते रविवार को बबलू अपने छह दोस्तों के साथ टोटो से घूमने निकला था। वे लोग जब बंजरिया थाना क्षेत्र के सिंघिया गुमटी के पास पहुंचे, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने टोटो को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में बबलू समेत सभी छह दोस्त गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। डायल-112 की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को सदर अस्पताल ले जाया गया। सदर अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद बबलू की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए छतौनी थाना क्षेत्र स्थित सनराइज हॉस्पिटल रेफर कर दिया।
अस्पताल पर लगे गंभीर आरोप
मंगलवार को इलाज के दौरान बबलू की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपए की मांग की थी। परिवार ने कुछ राशि दी, लेकिन शेष रकम न दे पाने की स्थिति में डॉक्टरों ने कथित तौर पर बबलू का इलाज रोक दिया। आरोप है कि अस्पताल ने ऑक्सीजन और दवाइयाँ बंद कर दीं, जिससे बबलू ने दम तोड़ दिया। बबलू की मौत की खबर मिलते ही परिवार और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग अस्पताल परिसर में जमा हो गए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। गुस्साए लोगों ने शीशे और उपकरण क्षतिग्रस्त कर दिए। बाद में शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया गया। इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने टायर जलाकर आगजनी भी की।
पुलिस की तत्परता से शांत हुआ माहौल
घटना की जानकारी मिलते ही छतौनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने स्थिति को संभाला और आक्रोशित परिजनों को समझाकर शांत कराया। पुलिस ने सड़क जाम हटवाया और यातायात बहाल किया। थानाध्यक्ष ने बताया कि रविवार को हुए सड़क हादसे में कुल छह युवक घायल हुए थे। इनमें से एक युवक बबलू कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई। बाकी घायलों का इलाज जारी है।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मृतक बबलू कुमार की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जानकारी के अनुसार, बबलू की शादी एक माह पहले ही हुई थी। वह दो भाइयों में सबसे बड़ा था और परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उसी पर थी। उसकी मौत से परिवार के साथ-साथ पूरे गांव में मातमी माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर अस्पताल ने समय पर इलाज किया होता और पैसे की मांग नहीं की होती तो बबलू की जान बच सकती थी। घटना के बाद से ग्रामीणों में निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली को लेकर गहरा आक्रोश है।
मुआवजे की मांग
परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर सरकार और प्रशासन से मुआवजे की मांग की। उनका कहना है कि गरीब परिवार से पैसे की मांग करना न केवल अमानवीय है बल्कि सीधे-सीधे हत्या के समान है।
प्रशासन ने दिलाया आश्वासन
पुलिस प्रशासन ने परिजनों को आश्वस्त किया है कि मामले की जांच की जाएगी। साथ ही अस्पताल प्रशासन के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। मोतिहारी की इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इलाज के नाम पर भारी-भरकम रकम वसूलने और समय पर उचित चिकित्सा उपलब्ध न कराने जैसी घटनाएँ लगातार सामने आ रही हैं। बबलू की मौत के बाद जहां परिवार गहरे सदमे में है, वहीं ग्रामीणों में आक्रोश है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि ऐसे मामलों पर रोक कैसे लगाई जाए और मरीजों को समय पर बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए।


