यूपी में राज्य कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा, योगी सरकार का बोनस का ऐलान, वित्त विभाग का निर्देश जारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को दीपावली से पहले एक बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा की है। इस निर्णय को न केवल आर्थिक राहत के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह कर्मचारियों की निष्ठा, परिश्रम और योगदान को सम्मान देने का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है, जिसके बाद लाखों कर्मचारियों में हर्ष की लहर है।
बोनस की घोषणा और उद्देश्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार के विकास में कर्मचारियों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए सरकार ने उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए दीपावली से पहले बोनस देने का निर्णय किया है। उन्होंने इसे कर्मचारियों के कठिन परिश्रम और लगन का पुरस्कार बताया। सरकार का उद्देश्य है कि यह आर्थिक सहायता कर्मचारियों के परिवारों में आनंद और उत्साह का संचार करे और दीपावली का पर्व खुशियों से भरा हो।
वित्त विभाग के आदेश के मुख्य बिंदु
वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, राज्य सरकार के सभी पात्र कर्मचारियों को उत्पादकता असम्बद्ध बोनस प्रदान किया जाएगा। इस बोनस की गणना मासिक परिलब्धियों की सीमा 7,000 रुपये के आधार पर 30 दिनों की परिलब्धि के रूप में की जाएगी। इस प्रकार प्रत्येक पात्र कर्मचारी को 6,908 रुपये का बोनस मिलेगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि बोनस का भुगतान समयबद्ध तरीके से किया जाए ताकि कर्मचारियों को दीपावली से पहले इसका आर्थिक लाभ मिल सके।
कौन होंगे लाभार्थी
इस निर्णय से उत्तर प्रदेश सरकार के लगभग 14 लाख 82 हजार कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इसमें राज्य सरकार के अराजपत्रित पूर्णकालिक कर्मचारी शामिल हैं, जिनके पद का वेतन मैट्रिक्स लेवल-8 तक है, यानी जिनका समकक्ष ग्रेड वेतन 4,800 रुपये तक है। इसमें न केवल राज्य सरकार के विभागों के कर्मचारी शामिल हैं, बल्कि राज्य निधि से सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थानों के शिक्षक और कर्मचारी, स्थानीय निकायों, नगरपालिकाओं, नगर पंचायतों और जिला पंचायतों के कर्मचारी भी लाभार्थी होंगे। इसके साथ ही, सरकारी विभागों में कार्यरत कार्यप्रभारित कर्मी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी भी इस योजना के अंतर्गत आएंगे। इस तरह राज्य के विभिन्न स्तरों पर कार्यरत कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग इसके अंतर्गत बोनस का लाभ प्राप्त करेगा।
वित्तीय प्रभाव और सरकार की तैयारी
राज्य सरकार के इस निर्णय से लगभग 1,022 करोड़ रुपये का व्ययभार आने का अनुमान है। वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि इसके लिए आवश्यक बजटीय प्रावधान पहले से तैयार रखे गए हैं ताकि भुगतान में किसी प्रकार की देरी न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि बोनस वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी और शीघ्र हो, जिससे प्रत्येक पात्र कर्मचारी को निर्धारित समय में राशि प्राप्त हो सके।
केंद्र सरकार के अनुरूप फैसला
गौरतलब है कि भारत सरकार ने भी इसी वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 के लिए अपने कर्मचारियों को बोनस देने का निर्णय 29 सितंबर 2025 को लिया था। राज्य सरकार ने इसी क्रम में अपने कर्मचारियों को समान लाभ देने का निर्णय किया है ताकि राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर कर्मचारियों को समान रूप से आर्थिक राहत मिल सके। यह कदम केंद्र और राज्य दोनों के बीच प्रशासनिक तालमेल और कर्मचारी कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कर्मचारी संगठनों की भूमिका
राज्य स्तर पर कई कर्मचारी संगठनों ने दीपावली से पहले बोनस और लंबित भत्तों के भुगतान की मांग की थी। उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे और महासचिव सुरेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बोनस, वेतन और 18 माह के कोरोना काल के लंबित महंगाई भत्ते (डीए) के भुगतान की मांग उठाई थी। योगी सरकार द्वारा बोनस देने के फैसले के बाद कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और इसे समयानुकूल तथा प्रेरणादायक कदम बताया।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रभाव
यह निर्णय केवल वित्तीय दृष्टि से ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक और मनोवैज्ञानिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। इससे सरकारी कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि होगी और शासन-प्रशासन के कार्यों में नई ऊर्जा का संचार होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जब कर्मचारियों को समय पर प्रोत्साहन और सम्मान मिलता है, तो उनकी उत्पादकता में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होती है। योगी सरकार का यह कदम त्योहारी मौसम में एक महत्वपूर्ण राहत के रूप में देखा जा रहा है। दीपावली से ठीक पहले यह आर्थिक प्रोत्साहन न केवल कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए खुशियों का कारण बनेगा, बल्कि इससे प्रशासनिक व्यवस्था में भी सकारात्मक संदेश जाएगा कि सरकार अपने कर्मचारियों के कल्याण के प्रति संवेदनशील और जिम्मेदार है। यह निर्णय एक बार फिर इस बात की पुष्टि करता है कि राज्य की प्रगति में कर्मचारियों की भूमिका को योगी सरकार विशेष महत्व देती है।


