September 17, 2025

पटना समेत प्रदेश के 18 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट, 16 से फिर एक्टिव होगा मानसून, पूर्वानुमान जारी

पटना। बिहार में मानसून एक बार फिर से जोर पकड़ने वाला है, जिससे राज्य के किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने आगामी दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई है और राज्य के 18 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। 16 जुलाई से पूरे बिहार में मानसूनी गतिविधियां फिर से तेज होने की संभावना है, जिससे बारिश की कमी से जूझ रहे किसानों को उम्मीद की किरण दिखाई देने लगी है।
धीमी मानसूनी चाल से बढ़ी किसानों की चिंता
जून के अंतिम सप्ताह और जुलाई के पहले दस दिनों में राज्य में अपेक्षित बारिश नहीं हुई, जिसके कारण धान की बुआई बुरी तरह प्रभावित हुई है। खेतों में नमी की कमी के कारण रोपाई का काम ठप पड़ा है। कई जिलों में किसान खेत तैयार तो कर चुके हैं, लेकिन पानी के अभाव में फसल की बुआई नहीं हो सकी है। खासकर धान की खेती करने वाले किसानों के लिए यह मानसून की धीमी चाल गंभीर चिंता का विषय बन गई थी।
16 जुलाई से बारिश में तेजी की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, 16 जुलाई से मानसून की सक्रियता एक बार फिर से बढ़ेगी। बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव क्षेत्र के प्रभाव से मानसूनी ट्रफ लाइन बिहार की ओर शिफ्ट हो रही है। इसके चलते राज्य के अधिकांश जिलों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि 16 और 17 जुलाई को राज्य में मानसून की गतिविधियां चरम पर होंगी, जिससे कई इलाकों में झमाझम बारिश हो सकती है।
जिलों में येलो अलर्ट, पटना में भी बारिश की संभावना
मौसम विज्ञान केंद्र ने पटना समेत राज्य के 18 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है, उनमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, बक्सर, भोजपुर, कैमूर, रोहतास, पटना, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, बेगूसराय, शेखपुरा, नवादा, गया और औरंगाबाद शामिल हैं। इन जिलों में शुक्रवार को 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। साथ ही वज्रपात और मेघगर्जन की भी आशंका जताई गई है।
13 जिलों में औसत से कम बारिश
राज्य के कई जिले ऐसे हैं जहां अब तक मानसून की बारिश औसत से काफी कम रही है। इन जिलों में पूर्वी चंपारण, सारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा और खगड़िया शामिल हैं। यहां बारिश की कमी से कृषि कार्य प्रभावित हुए हैं और किसान बेहद चिंतित हैं।
खुशखबरी से किसानों में उत्साह
हालिया मौसम पूर्वानुमान के अनुसार राज्य में मानसून के दोबारा सक्रिय होने की खबर से किसानों में नई उम्मीद जगी है। यदि आगामी दिनों में अच्छी बारिश होती है, तो धान की रोपाई में तेजी आ सकती है और फसल का नुकसान कुछ हद तक कम किया जा सकता है। कृषि विशेषज्ञों का भी मानना है कि अगर अगले सप्ताह से नियमित बारिश होती है, तो स्थिति में सुधार संभव है। बिहार में मानसून की दोबारा सक्रियता का पूर्वानुमान राज्य की कृषि व्यवस्था के लिए एक बड़ी राहत बनकर आया है। बारिश की कमी के कारण रुके हुए खेती-किसानी के कार्यों को अब गति मिलने की उम्मीद है। किसानों और कृषि विभाग दोनों के लिए आने वाले दिन बेहद अहम होंगे, क्योंकि मानसून की चाल पर ही फसलों का भविष्य निर्भर करता है। मौसम विभाग की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को भी सतर्क रहना होगा ताकि तेज बारिश या वज्रपात से होने वाली जनहानि को रोका जा सके।

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