प्रदेश के 12 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट, पटना में गर्मी और उमस से लोग बेहाल
पटना। बिहार में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। मंगलवार को प्रदेश के 12 जिलों में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ मेघ गर्जन और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का भी पूर्वानुमान है।
किन जिलों में बारिश की संभावना
जिन 12 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, वहां बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। इससे वहां बादल बन रहे हैं और बारिश की स्थिति बनी हुई है। यह क्षेत्र पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी बिहार में आते हैं, जहां प्री मानसून की गतिविधियां भी ज्यादा सक्रिय रहती हैं।
पटना समेत कई जिलों में उमस और गर्मी
वहीं राज्य के बाकी जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा। पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, नालंदा, सीवान, गोपालगंज, औरंगाबाद, बक्सर, कैमूर, रोहतास और वैशाली जैसे जिलों में बारिश की कोई संभावना नहीं है। इन इलाकों में तेज धूप, गर्म हवाएं और अधिक तापमान के कारण लोग उमस भरी गर्मी से बेहाल हो रहे हैं। पूर्वी हवाओं के कारण वातावरण में नमी तो बनी हुई है, लेकिन बादलों की कमी के चलते बारिश नहीं हो पा रही।
तापमान और नमी का प्रभाव
राज्य में अधिकतम तापमान 34 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। नमी की मात्रा 80 प्रतिशत तक पहुंच रही है, जिससे गर्मी और पसीने की समस्या ज्यादा हो रही है। हालांकि, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाएं मौसम को कुछ हद तक संतुलित बनाए हुए हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग मौसम के कारण
राज्य के विभिन्न हिस्सों में मौसम की यह भिन्नता मुख्यतः स्थानीय वायुमंडलीय दबाव, हवा की दिशा और नमी के असमान वितरण के कारण हो रही है। पूर्वी बिहार में नम हवाओं की मौजूदगी और प्री मानसून गतिविधियों के चलते बारिश हो रही है। वहीं, पश्चिमी जिलों में हवा में नमी की कमी और साफ आसमान की वजह से धूप तीव्र हो रही है, जिससे गर्मी और उमस का स्तर ज्यादा है।
मानसून की जल्द दस्तक की संभावना
मौसम विभाग की मानें तो इस बार बिहार में मानसून समय से पहले दस्तक दे सकता है। आमतौर पर राज्य में मानसून 15 जून तक आता है, लेकिन इस बार इसके 10 या 11 जून तक पहुंचने की संभावना है। यह पिछले पांच वर्षों में सबसे जल्दी मानसून की दस्तक होगी।
पछुआ हवा की कमी और पुरवैया का प्रभाव
इस बार मार्च से मई तक पछुआ हवा बहुत कम चली है। पूरे अवधि में केवल 16 दिन ही पछुआ हवा चली, जबकि अधिकांश समय पुरवैया हवाएं सक्रिय रहीं। पुरवैया की ठंडी और नमीयुक्त प्रकृति ने तापमान को नियंत्रण में रखा, जिससे हीटवेव जैसी स्थिति नहीं बनी।
नौतपा का असर रहेगा सीमित
नौतपा के दौरान भी इस बार तापमान अधिक रहने के बावजूद असर उतना तीव्र नहीं होगा। इसकी वजह है राज्य में बनी आंधी-पानी की स्थिति और हवा में अत्यधिक नमी, जो गर्मी को थोड़ी राहत देती है।


