रूस में 8.8 तीव्रता का आया दुनिया का छठा सबसे बड़ा भूकंप, जापान में सुनामी, 12 देश में हाईअलर्ट

नई दिल्ली। रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में बुधवार सुबह भारतीय समयानुसार 4:54 बजे आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार यह भूकंप धरती की सतह से करीब 19.3 किलोमीटर नीचे केंद्रित था। यह भूकंप अब तक के छठे सबसे शक्तिशाली भूकंपों में गिना जा रहा है। इससे पहले इस स्तर की तीव्रता वाले दो और भूकंप 2010 में चिली और 1906 में इक्वाडोर में आए थे।
कामचटका में तबाही और सुनामी की शुरुआत
भूकंप के बाद कामचटका में 4 मीटर तक ऊंची समुद्री लहरें उठीं, जिनसे कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है। गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने इसे दशकों में आया सबसे भीषण भूकंप बताया और बताया कि एक किंडरगार्टन स्कूल को क्षति पहुंची है। इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां भूकंप और ज्वालामुखी सक्रियता आम बात है, लेकिन इस बार की तीव्रता और असर अभूतपूर्व हैं।
जापान में चेतावनी और बड़ी संख्या में निकासी
भूकंप के तुरंत बाद जापान के पूर्वी तट पर सुनामी की हल्की लहरें टकराईं। जापान की सरकार ने सतर्कता बरतते हुए लगभग 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। देश के 21 प्रान्तों में लोगों को घर खाली करने का आदेश दिया गया है, जिनमें होक्काइडो, कानागावा और वाकायामा प्रमुख हैं। हालांकि प्रारंभिक लहरें 30 से 50 सेंटीमीटर ऊंची ही थीं, लेकिन विशेषज्ञों ने चेताया है कि आगे और बड़ी लहरें आ सकती हैं।
हवाई और अन्य प्रशांत द्वीपों में खतरा
कामचटका के भूकंप का प्रभाव अमेरिका के हवाई द्वीप समूह तक देखा गया। वहां पानी के तेजी से घटने की घटनाएं दर्ज की गईं, जो आमतौर पर सुनामी की शुरुआत से पहले होती हैं। हवाई राज्य के गवर्नर जोश ग्रीन ने इमरजेंसी की घोषणा करते हुए लोगों से अपील की कि वे समुद्र किनारे से दूर जाकर सुरक्षित ऊंची जगहों पर चले जाएं। बिग आइलैंड पर क्रूज जहाज को वापस बुला लिया गया और पर्यटकों को हटाने की कार्रवाई की गई।
अन्य देशों में सुनामी अलर्ट
भूकंप के बाद केवल रूस और जापान ही नहीं, बल्कि चिली, इक्वाडोर, पेरू, कोस्टा रिका, फ्रेंच पोलिनेशिया, गुआम, और चीन जैसे देशों में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई। अमेरिकी सुनामी चेतावनी केंद्रों ने बताया कि कुछ जगहों पर समुद्र की लहरें 3 मीटर तक ऊंची हो सकती हैं। भले ही कुछ देशों में सुनामी का प्रभाव सीमित हो, लेकिन अभी खतरा टला नहीं है।
भूकंप की वैज्ञानिक व्याख्या
धरती की सतह सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी होती है जो निरंतर गति करती रहती हैं। जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं या दबाव के कारण टूटती हैं, तो नीचे से ऊर्जा बाहर की ओर निकलती है, जिससे भूकंप आता है। कामचटका भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है, जहां ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं, परंतु इस बार की तीव्रता विशेष रूप से गंभीर रही।
इतिहास में कामचटका का स्थान
कामचटका क्षेत्र पहले भी भीषण भूकंपों का केंद्र रह चुका है। 1952 में यहां 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसे अब तक दर्ज किए गए सबसे शक्तिशाली भूकंपों में गिना जाता है। उस समय भी सुनामी ने हवाई द्वीपों को भारी क्षति पहुंचाई थी।
प्रभावित क्षेत्रों में तैयारी और सावधानी
इस बार के भूकंप के बाद जापान, अमेरिका, रूस और अन्य देशों की सरकारों ने तेजी से कार्रवाई की है। टोक्यो के सेंडाई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है और कई फेरी सेवाएं रोक दी गई हैं। सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय कॉन्सुलेट ने भी अमेरिका के भारतीयों के लिए अलर्ट जारी किया है। रूस के कामचटका में आया यह भूकंप न केवल उसकी भौगोलिक सीमा तक सीमित रहा, बल्कि उसने पूरे प्रशांत क्षेत्र को प्रभावित किया है। वैश्विक स्तर पर इसकी तीव्रता और असर को देखते हुए यह स्पष्ट है कि प्राकृतिक आपदाएं आज भी हमारी वैज्ञानिक प्रगति को चुनौती देती हैं। समय रहते चेतावनी और उचित कदमों से हालांकि जान-माल की हानि को सीमित किया जा सकता है, लेकिन सतर्कता और जागरूकता ही ऐसे संकटों में सबसे कारगर हथियार हैं।
