पटना में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सडक पर किया प्रदर्शन, तोडी बैरिकेडिंग, पुलिस ने भाजी लाठियां
पटना। मंगलवार को युवा कांग्रेस के उग्र प्रदर्शन का गवाह बना। पटना में कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले थे, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। इसके बाद सड़क पर बैरिकेडिंग तोड़ने से लेकर लाठीचार्ज और गिरफ्तारी तक की स्थिति बन गई। पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया और कई घंटों तक यातायात बाधित रहा।
प्रदर्शन की शुरुआत
युवा कांग्रेस कार्यकर्ता सदाकत आश्रम से मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च कर रहे थे। उनका नेतृत्व युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु चिब और बिहार यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रकाश गरीबदास कर रहे थे। कार्यकर्ताओं का दावा था कि वे सरकार की नीतियों, वोट चोरी और अदाणी ग्रुप को जमीन देने के खिलाफ यह विरोध जुलूस निकाल रहे हैं।
राजापुर पुल पर टकराव
जुलूस जब राजापुर पुल पहुंचा तो पुलिस ने वहां बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। लेकिन गुस्साए युवा कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई और धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कई कार्यकर्ता सड़क पर लेटकर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे।
पुलिस कार्रवाई और लाठीचार्ज
स्थिति काबू से बाहर जाती देख पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। इस दौरान कई कार्यकर्ताओं को घसीटकर पुलिस वाहन में बैठाया गया। कुछ कार्यकर्ताओं को डायल-112 की गाड़ी से ले जाया गया, लेकिन वे विरोध करते रहे और गाड़ियों पर चढ़कर अपनी नाराजगी जताते रहे। पुलिस ने इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु चिब को भी काबू में किया और उन्हें टांगकर अपनी गाड़ी तक ले गई। पूरे घटनाक्रम में दर्जनों कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया।
बारिश के बीच जारी विरोध
बारिश में भी प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं थे। राजापुर पुल के पास युवा कांग्रेस कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़कर बार-बार नारेबाजी करते रहे। उनका नारा था—“वोट चोर गद्दी छोड़।” पुलिस ने बार-बार उन्हें हटाने का प्रयास किया, लेकिन वे वहीं बैठकर नारे लगा रहे थे।
कांग्रेस नेताओं के आरोप
युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गरीबदास और प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन कारपोरेट घरानों को सौंप रही है। उनका आरोप था कि भागलपुर के पीरपैंती में सरकार ने अदाणी समूह को 1050 एकड़ जमीन और हजारों आम के पेड़ एक रुपये वार्षिक लीज पर दे दिए हैं। यह सीधे-सीधे किसानों के साथ अन्याय और जनता की संपत्ति की लूट है। नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार मिलकर संस्थाओं को कैद कर रही हैं और वोट चोरी का खेल खेल रही हैं। उनका कहना था कि गरीब और दलित समुदायों के वोट एसआईआर प्रक्रिया के जरिए काटे जा रहे हैं ताकि चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में जाएं। राहुल गांधी का संदर्भ
युवा कांग्रेस के इस प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सक्रियता भी जुड़ी हुई है। राहुल गांधी ने कई बार बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए और इसे वोट चोरी की साजिश बताया। हाल ही में उन्होंने “वोटर अधिकार यात्रा” निकाली थी, जो 17 सितंबर को सासाराम से शुरू होकर 1 सितंबर को पटना में समाप्त हुई। इस दौरान उन्होंने साफ कहा था—“वोट चोर गद्दी छोड़।”
युवा कांग्रेस का रुख
युवा कांग्रेस का कहना है कि बिहार में बेरोजगारी और वोट चोरी दोनों सबसे बड़े मुद्दे हैं। जब तक चुनाव में ईमानदारी नहीं होगी, तब तक युवाओं को अवसर और रोजगार नहीं मिल सकेगा। उनका तर्क है कि सरकार जनता के भरोसे से नहीं बल्कि चोरी किए गए वोटों के सहारे सत्ता में है।
शहर में तनाव और यातायात प्रभावित
प्रदर्शन और लाठीचार्ज की वजह से पटना की सड़कों पर अफरा-तफरी मच गई। राजापुर पुल के आसपास घंटों तक जाम की स्थिति रही। लोग इधर-उधर भटकते रहे और सामान्य यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। पुलिस को भारी संख्या में तैनात करना पड़ा ताकि प्रदर्शन और ज्यादा उग्र न हो सके। पटना में युवा कांग्रेस का यह प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि बिहार की राजनीति में जनता और खासकर युवाओं का गुस्सा चरम पर है। बेरोजगारी, वोट चोरी और किसानों की जमीन कॉरपोरेट घरानों को सौंपे जाने का मुद्दा लगातार विपक्ष उठा रहा है। मंगलवार का यह हंगामा बताता है कि आने वाले चुनावों से पहले सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक माहौल गरम रहेगा। पुलिस का सख्त रवैया एक ओर कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश थी, लेकिन दूसरी ओर इससे विपक्ष को सरकार के खिलाफ और आक्रामक होने का मौका मिल गया। पटना की यह झड़प आने वाले दिनों में राजनीतिक रंग और भी गहरा करने वाली है।


