पटना में महिला आत्महत्या करने गंगा नदी में कूदी, लोगों ने बचाया, गंभीर हालत में एनएमसीएच में भर्ती

पटना। राजधानी पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक महिला ने गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया। घटना गायघाट पुल के पिलर नंबर 46 के पास की है, जहां स्थानीय लोगों की सतर्कता और त्वरित प्रयासों से महिला की जान बचाई जा सकी। फिलहाल महिला की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे एनएमसीएच में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, नदी किनारे मौजूद लोगों ने जब महिला को गंगा में छलांग लगाते देखा, तो तुरंत शोर मचाया और कुछ लोगों ने साहस दिखाते हुए पानी में छलांग लगाकर महिला को बाहर निकाला। उस समय महिला बेहोशी की हालत में थी। बिना किसी देरी के उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों की निगरानी में उसका उपचार चल रहा है। आलमगंज थाना प्रभारी राजीव कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। प्रारंभिक जांच में मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। हालांकि, महिला की हालत गंभीर होने के कारण अब तक उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका है। पुलिस ने महिला के परिजनों से संपर्क साधा है और पूछताछ का सिलसिला जारी है। पुलिस ने यह भी बताया कि महिला की पहचान बोरिंग रोड स्थित शिवपुरी मोहल्ला निवासी के रूप में हुई है। हालांकि, उसकी उम्र, पारिवारिक पृष्ठभूमि और आत्महत्या के प्रयास के पीछे की सटीक वजह की पुष्टि बयान मिलने के बाद ही की जा सकेगी। पुलिस ने फिलहाल पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और महिला के मोबाइल व अन्य निजी दस्तावेजों की भी पड़ताल की जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार, घटना के समय महिला अकेली थी और कुछ देर तक पुल के किनारे टहल रही थी। कई लोगों ने उसे भावुक अवस्था में देखा, लेकिन किसी अनहोनी की आशंका नहीं की थी। अचानक उसने नदी में छलांग लगा दी, जिससे अफरा-तफरी मच गई। यह घटना न सिर्फ पारिवारिक तनाव के गंभीर परिणामों की ओर संकेत करती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समाज में जागरूकता की कमी को भी उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि आत्महत्या के प्रयास अक्सर मानसिक दबाव, अवसाद और सामाजिक समस्याओं का परिणाम होते हैं, जिन्हें समय रहते समझा और उपचारित किया जाना चाहिए। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि उनके आसपास कोई व्यक्ति मानसिक तनाव या पारिवारिक कलह से जूझ रहा हो, तो उसे अकेला न छोड़ें और समय रहते काउंसलिंग अथवा चिकित्सकीय मदद दिलाएं।

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