November 20, 2025

औरंगाबाद में पति ने सब्जी लाने से मना किया तो पत्नी ने की आत्महत्या, फांसी लगाकर दी जान

औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले में गुरुवार को एक बेहद दुखद घटना सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र को शोक और स्तब्धता में डाल दिया। ओबरा थाना क्षेत्र के ओबरा बाजार के शांतिनगर मोहल्ले में एक विवाहिता ने मामूली पारिवारिक विवाद के बाद फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। 28 वर्षीय मधु कुमारी की इस आत्महत्या ने यह साफ कर दिया कि घरेलू तनाव कई बार किस हद तक भयावह रूप ले सकता है। मधु कुमारी की शादी वर्ष 2013 में शंकर गुप्ता से हुई थी। दोनों के दो बच्चे भी हैं और परिवार सामान्य परिस्थितियों में अपना जीवन व्यतीत कर रहा था। शंकर गांव-गांव घूमकर नमक बेचने का काम करता था और इसी से परिवार का गुजारा चलता था। आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी, लेकिन परिवार अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने का प्रयास कर रहा था। गुरुवार को शंकर गुप्ता घर लौटे तो उनके पास आलू थे। उन्होंने पत्नी से कहा कि वह आलू की सब्जी बना दें। इस पर मधु ने आपत्ति जताई और कहा कि वह रोज आलू लाते हैं, जबकि उन्हें हरी सब्जी भी लानी चाहिए ताकि खान-पान में बदलाव बना रहे। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी बढ़ गई। परिजनों के अनुसार यह आम पारिवारिक विवाद जैसा ही था, लेकिन मधु इस छोटी बात से बेहद आहत हो गई।
दुर्घटना का घातक रूप
तकरार के बाद मधु कुमारी अपने कमरे में चली गई और अंदर से कुंडी लगा ली। परिजनों को लगा कि वह नाराज होकर कुछ देर अकेली रहना चाहती है। लेकिन रात भर वह कमरे से बाहर नहीं निकली। गुरुवार की सुबह जब काफी देर तक मधु की कोई हलचल नहीं दिखी, तो परिवार वालों ने दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने खिड़की से झांका, जहां मधु को दुपट्टे के सहारे पंखे से लटका हुआ पाया गया।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए और पुलिस को सूचना दी गई। ओबरा थानाध्यक्ष नीतीश कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा गया और पंचनामा पूरा करने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया है। घटनास्थल की जांच कर आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
परिजनों का हाल और मायके वालों का आगमन
शव को देखने के बाद घर में मातम का वातावरण हो गया। पति शंकर गुप्ता और परिवार के अन्य सदस्य रो-रोकर बेहाल हो गए। मृतका के मायके पक्ष के लोग—जो झारखंड के पलामू जिले के हरिहरगंज थाना क्षेत्र के ढाब कला गांव के निवासी हैं—घटना की सूचना मिलते ही औरंगाबाद पहुंचे। मृतका के पिता जमुना प्रसाद गुप्ता और भाई अवधेश गुप्ता ने पुलिस से किसी भी तरह की शिकायत नहीं की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण पारिवारिक घटना बताया।
गांव में शोक और चिंता का माहौल
मधु कुमारी की आत्महत्या ने पूरे शांतिनगर मोहल्ले को सदमे में डाल दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि आमतौर पर दांपत्य जीवन में ऐसे छोटे-मोटे झगड़े होते रहते हैं, लेकिन यह घटना बताती है कि मानसिक तनाव कितनी गहराई से असर डाल सकता है। आर्थिक तनाव, पारिवारिक दबाव और घरेलू जिम्मेदारियों के बीच कई बार लोग खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं।
घटना से उठते सवाल
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी छोड़ती है। घरेलू विवाद चाहे कितना भी छोटा हो, उसका भावनात्मक प्रभाव क्या हो सकता है, इसे समझना बेहद जरूरी है। परिवारों में संवाद, समझ और धैर्य की कमी कई बार ऐसी घटनाओं को जन्म देती है। समाज में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि तनावग्रस्त व्यक्ति समय रहते अपने मन की बात साझा कर सके और ऐसे कदम उठाने से पहले मदद पा सके। मधु कुमारी की मौत एक दर्दनाक घटना है, जिसने पूरे इलाके को हिला दिया है। प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन परिवार और समाज के सामने कई चिंतन योग्य प्रश्न खड़े हो गए हैं। जरूरत है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए परिवारिक स्तर पर संवाद और सामाजिक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए।

You may have missed