एनडीए के बिहार बंद का व्यापक असर: पटना में सड़कों पर आगजनी, स्कूल बस वापस लौटे, कई जिलों में प्रदर्शन

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को अपमानजनक टिप्पणी का सामना करना पड़ा, जिसके विरोध में एनडीए ने बिहार बंद का आह्वान किया। गुरुवार को सुबह से ही पटना सहित गयाजी, समस्तीपुर, बेगूसराय, हाजीपुर और छपरा जैसे कई जिलों में इसका व्यापक असर देखने को मिला। सड़कें जाम हो गईं, नेशनल हाईवे पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगीं और जगह-जगह आगजनी की घटनाएं सामने आईं।
पटना में तनावपूर्ण हालात
राजधानी पटना इस बंद का मुख्य केंद्र रहा। सगुना मोड़ और दानापुर इलाके में कार्यकर्ताओं ने आगजनी कर यातायात बाधित किया। वहीं, डाकबंगला चौराहे पर कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और पूरे मार्ग को जाम कर दिया। इस दौरान महिला कार्यकर्ताओं ने खुद बैरिकेडिंग की जिम्मेदारी संभाली। खास बात यह रही कि बंद के बीच एक समय ऐसा भी आया जब प्रदर्शनकारियों ने हाई कोर्ट के जज की गाड़ी को रोक लिया, हालांकि बाद में उसे जाने दिया गया।
स्कूल बसें लौटीं और एंबुलेंस को छोड़ा गया
प्रदर्शन के दौरान कई जगह छात्रों को लाने-ले जाने वाली स्कूल बसों को रोक दिया गया और उन्हें वापस लौटना पड़ा। हालांकि, जाम में फंसी पुलिस की गाड़ियों, एंबुलेंस और एयरफोर्स वाहन को प्रदर्शनकारियों ने बिना बाधा आगे बढ़ने दिया। इससे साफ झलकता है कि आंदोलन का स्वरूप तीखा जरूर था, लेकिन कुछ मामलों में संयम भी बरता गया।
दरभंगा और अन्य जिलों में प्रदर्शन
दरभंगा में बंद का नेतृत्व भाजपा की महिला मोर्चा ने किया। यहां कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और थाली पीटकर विरोध दर्ज कराया। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। मुंगेर में भाजपा कार्यकर्ता दुकानों को बंद कराने के लिए हाथ जोड़कर अपील करते रहे, हालांकि कई दुकानदारों ने इसका विरोध करते हुए दुकानें बंद नहीं कीं। बेगूसराय में मंत्री सुरेंद्र मेहता खुद सड़क पर उतरे और बंद को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
भाजपा नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर भाजपा नेताओं में गुस्सा साफ दिखाई दिया। पटना में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत माता को गाली देना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने सीधे तौर पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि यह उनकी राजनीतिक संस्कृति और बेशर्मी का प्रमाण है। उनका कहना था कि यदि भाजपा का कोई कार्यकर्ता ऐसी गलती करता तो पार्टी तुरंत माफी मांगती और कार्रवाई करती।
पोस्टरों पर विरोध
पटना में डाकबंगला चौराहे पर गुस्साए कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के पोस्टरों पर चप्पल मारकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। महिला कार्यकर्ताओं का कहना था कि प्रधानमंत्री की मां को गाली देना केवल एक परिवार का अपमान नहीं बल्कि पूरे देश की महिलाओं का अपमान है। भाजपा नेताओं ने इसे भारतीय संस्कृति और मातृत्व का तिरस्कार बताया और साफ कहा कि जब तक माफी नहीं मांगी जाएगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की चुनौती
बंद को देखते हुए पटना में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए। डाकबंगला, जेपी गोलंबर और अन्य संवेदनशील स्थानों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। बताया गया कि केवल पटना में ही करीब दो हजार पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। साथ ही, कांग्रेस और जदयू कार्यालयों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई ताकि किसी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।
मोदी की भावुक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए 2 सितंबर को कहा कि उनकी मां का राजनीति से कोई संबंध नहीं था और अब वह इस दुनिया में भी नहीं हैं। इसके बावजूद उन्हें गाली दी गई, जिसने उन्हें और बिहार की जनता को गहराई से आहत किया है। मोदी ने इसे अपनी व्यक्तिगत पीड़ा बताते हुए जनता से साझा किया और कहा कि यह केवल उनके परिवार का नहीं बल्कि पूरे बिहार और भारतीय समाज का अपमान है।
आंदोलन का स्वरूप और संदेश
यह बंद केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं बल्कि सामाजिक संदेश भी था। भाजपा ने इस आंदोलन को मातृत्व और संस्कृति के सम्मान से जोड़कर प्रस्तुत किया। हालांकि कई जगहों पर आम लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह लड़ाई सम्मान और संस्कारों की रक्षा के लिए है।
पटना के दानापुर में सड़क पर आगजनी
पटना के दानापुर सगुना मोड़ के पास बीजेपी नेता और कार्यकताओं ने सड़क पर आगजनी की और सुगना-खगौल मेन रोड को जाम कर दिया। इस दौरान मां का अपमान नहीं सहेंगे के नारे लगाए गए। जदयू की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. इसमत जहां ने बताया, ‘दरभंगा पूरे शहर में हमलोगों का बंद है। हर चौक चौराहे पर बंद किया गया है। पिछले दिनों राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जब दरभंगा आए थे तो उनलोगों के मंच से प्रधानमंत्री को और उनकी दिवंगत माता को गाली देने का काम किया गया। महिलाओं को यह बर्दाश्त नहीं है। हिंदुस्तान की सभी महिलाएं अपमानित हुई हैं। जिससे हमलोग काफी आहत हैं।
