मुजफ्फरपुर में शौच करने गई किशोरी दुष्कर्म, दो युवकों ने की हैवानियत, मामला दर्ज

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की जघन्य घटना सामने आई है। यह घटना 20 जून की शाम को घटी, जब किशोरी शौच के लिए खेत में गई थी। उसने बताया कि रोहित कुमार ने उसके साथ दुष्कर्म किया, जबकि राजेश कुमार वहीं खड़ा होकर देखता रहा। इस घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा और पुलिस की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किशोरी ने बताया कि वह 20 जून की शाम सात बजे अपनी सहेली की भाभी के साथ शौच के लिए खेत गई थी। इसी दौरान रोहित और राजेश ने उन पर हमला किया। भाभी वहां से भाग निकली, लेकिन किशोरी को दोनों युवकों ने पकड़ लिया। रोहित ने उसे खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया, जबकि राजेश ने पूरी घटना को देखा और किसी तरह की मदद नहीं की। दुष्कर्म के बाद दोनों आरोपी उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए।
पीड़िता की दर्दनाक यात्रा
किशोरी ने बताया कि वह खून से लथपथ होकर किसी तरह घर पहुंची। घरवालों को जब इस घटना के बारे में पता चला, तो उन्होंने पहले गांव के एक डॉक्टर से इलाज करवाया। हालात में सुधार न होने पर उसे पास के गांव के दूसरे डॉक्टर के पास ले जाया गया। हालांकि, पीड़िता ने सात दिन बाद 27 जून को थाना पहुंचकर आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपियों की तलाश
औराई थानाध्यक्ष राजा सिंह ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और दोनों आरोपियों, रोहित कुमार और राजेश कुमार, की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। हालांकि, यह सवाल उठता है कि पीड़िता को न्याय दिलाने में कितनी देरी होगी और क्या पुलिस आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ पाएगी।
समाज और कानून के सामने चुनौतियाँ
यह घटना न केवल पुलिस प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि समाज के सामने भी गंभीर चुनौती पेश करती है। ऐसे मामलों में अक्सर देरी से केस दर्ज होने या पीड़िता को पर्याप्त सुरक्षा न मिलने की शिकायतें सामने आती हैं। इसके अलावा, मेडिकल जांच और फॉरेंसिक सबूतों को सुरक्षित रखने में भी कई बार लापरवाही देखी गई है। मुजफ्फरपुर की यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए कानूनी प्रक्रिया को और अधिक सख्त और संवेदनशील बनाने की जरूरत है। पुलिस को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आरोपियों को सजा मिल सके और समाज में एक स्पष्ट संदेश जाए कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही, समाज को भी ऐसी घटनाओं के प्रति जागरूक होना होगा ताकि पीड़िताओं को न्याय मिल सके और उन्हें सहयोग मिले।
