विश्व अस्थमा दिवस पर ONLINE वेबिनार : बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ी लाइफ स्टाइल ने के कारण बढ़े अस्थमा के मरीज

फुलवारीशरीफ। बुधवार को विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. सौरभ कर्मकार ने देश के डॉक्टरों के लिए एक आनलाइन वेबिनार नेशनल अपडेट आन अस्थमा को संबोधित किया। उन्होंने अस्थमा नियंत्रण के लिए अपनी पहल और प्रयासों के बारे में भी बात की। सौरभ कर्मकार ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ी लाइफ स्टाइल ने आज दुनिया भर में अस्थमा के मरीजों की संख्या में काफी बढ़ा दी है, जब तक लोग इस रोग को समझ पाते हैं, तब तक ये विकराल रूप धारण कर चुका होता है। इसी बात के मद्देनजर विश्व अस्थमा दिवस मनाने की शुरूआत हुई, ताकि लोगों का इस रोग के प्रति ध्यान आकर्षित किया जा सकें और सही समय पर इसकी रोकथाम की जा सकें।
अस्थमा के प्रमुख कारण हवा में मौजूद परागकण, स्मोकिंग, लाइफ स्टाइल में बदलाव, इंडोर गेम्स को प्रोत्साहन, वातावरण के प्रति प्रतिकूलता, आनुवांशिकी, प्रदूषण हैं। बच्चों में एलर्जी और अस्थमा के लक्षण उस समय प्रकट होते हैं, जब मौसम में कोई बदलाव होता है। मध्यम आयु वर्ग के कुल लोगों में 5 से 10 फीसदी लोगों को एलर्जी और अस्थमा है तो किशोरों और युवाओं में इसका अनुपात 8 से 15 प्रतिशत तक है। वायरल इंफेक्शन से ही अस्थमा की शुरूआत होती है। युवा यदि बार-बार सर्दी, बुखार से परेशान हों तो यह एलर्जी का संकेत है। सही समय पर इलाज करवा कर और संतुलित जीवन शैली से बच्चों को एलर्जी से बचाया जा सकता है। समय पर इलाज नहीं मिला तो धीरे-धीरे वे अस्थमा के मरीज बन जाते हैं।

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