मणिपुर में हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद, भारी मात्रा में गोला बारूद और हथियार मिले, उग्रवादी गिरफ्तार

इंफाल। मणिपुर में सुरक्षा बलों ने हाल ही में बड़ी सफलता हासिल की है। राज्य के काकचिंग और इंफाल पश्चिम जिलों में भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य जंगी सामान बरामद किए गए हैं। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीडब्ल्यूजी) के एक कैडर को भी गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई राज्य में शांति बहाली के प्रयासों के तहत की गई है, जहां पिछले कुछ समय से जातीय संघर्ष और हिंसा का माहौल बना हुआ है।
काकचिंग और इंफाल से बरामदगी
पुलिस को काकचिंग जिले के टोकपाचिंग मोइरंगखोम हिल रेंज से भारी मात्रा में संदिग्ध सामान मिला, जिसमें गोला-बारूद, डेटोनेटर और अन्य हथियार शामिल थे। इसी तरह इंफाल पूर्वी जिले के यारलपत इलाके में एक स्कूल के सामने से भी जखीरा बरामद किया गया। यह सामान हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के मकसद से छुपाकर रखा गया था। बरामद हथियारों और अन्य वस्तुओं को कानूनी कार्रवाई के लिए पोरोमपत पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है।
जातीय संघर्ष के बाद बिगड़ी स्थिति
गौरतलब है कि मणिपुर में मई 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच भड़की हिंसा के बाद से स्थिति लगातार संवेदनशील बनी हुई है। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था, जिसके बाद व्यापक हिंसा शुरू हो गई। इस हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। राज्य में हालात को नियंत्रित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई कदम उठाए हैं, लेकिन अब भी हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी चिंता का विषय है।
उग्रवादी कैडर की गिरफ्तारी
इंफाल पश्चिम जिले के लामसांग बाजार से पुलिस ने 45 वर्षीय एक उग्रवादी कैडर को गिरफ्तार किया। वह राजधानी इंफाल और आसपास के इलाकों में सरकारी अधिकारियों से जबरन वसूली करने में शामिल था। उसकी गिरफ्तारी से उम्मीद जताई जा रही है कि उग्रवादी गतिविधियों पर लगाम लगेगी।
राष्ट्रपति शासन लागू
मणिपुर में 9 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक था, लेकिन हालात को देखते हुए यह कदम उठाया गया। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य में शांति स्थापित करने और अवैध हथियारों को जब्त करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
भविष्य की चुनौती
हालांकि, हथियारों की लगातार हो रही बरामदगी यह दिखाती है कि राज्य में अब भी शांति स्थापित करने के प्रयासों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार और सुरक्षा बलों की कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी अवैध हथियारों को जब्त कर राज्य में स्थायी शांति बहाल की जा सके।

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