पटना में पोस्टर वॉर, कांग्रेस ने लिखा- देख लिया 20 साल, अब नहीं चलेंगे चाचा नीतीश

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अब तेज हो चली है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तो चल ही रहा था, अब यह लड़ाई पोस्टर वॉर में तब्दील होती जा रही है। राजधानी पटना की दीवारें इन दिनों अलग-अलग पार्टियों के पोस्टरों से सजी हुई हैं, जिनमें प्रतिद्वंद्वी नेताओं और दलों को निशाना बनाया जा रहा है।
कांग्रेस ने सीएम नीतीश कुमार पर साधा निशाना
ताजा मामला पटना शहर का है, जहां कांग्रेस की युवा इकाई ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ एक विवादित पोस्टर लगाया है। इस पोस्टर में नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ लिखा गया है – देख लिया है 20 साल, नहीं चलेंगे चचा नीतीश।’ इस नारे के साथ मुख्यमंत्री के 20 साल लंबे शासन को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की गई है।
अपराध, बेरोजगारी और पलायन को बनाया मुद्दा
पोस्टर में बिहार में लगातार बढ़ते अपराध, युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी और दूसरे राज्यों में मजदूरों के पलायन को लेकर नीतीश सरकार की नीतियों की आलोचना की गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 20 वर्षों के शासन के बावजूद बिहार विकास के असली पथ पर नहीं आ पाया। युवाओं को रोजगार नहीं मिला और महिलाएं आज भी असुरक्षित महसूस करती हैं।
भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा पर भी सवाल
कांग्रेस ने पोस्टर में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। पोस्टर के नीचे ‘निवेदक – बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस’ लिखा गया है, जिससे साफ है कि यह पहल कांग्रेस की युवा इकाई की तरफ से की गई है।
भाजपा ने भी किया पोस्टर से हमला
इससे पहले बीजेपी ने भी एक पोस्टर जारी कर आरजेडी पर पलटवार किया था। बीजेपी ने अपने पोस्टर में राजद के तीन विधायकों – रीतलाल यादव, मनोज यादव और शम्भू नाथ यादव की तस्वीरें लगाई थीं। पोस्टर में लिखा था कि ये विधायक फरार हैं और पुलिस को इनकी तलाश है। साथ ही सवाल उठाया गया था कि अगर इस बार आरजेडी सत्ता में आती है, तो बिहार की स्थिति कितनी भयावह हो सकती है।
पोस्टर पॉलिटिक्स का बढ़ता ट्रेंड
बिहार की राजनीति में पोस्टर वार कोई नया चलन नहीं है, लेकिन हर चुनाव से पहले यह तरीका फिर से जोर पकड़ लेता है। पोस्टर के जरिए जनता का ध्यान खींचने और विपक्ष पर हमला करने की यह रणनीति आम हो गई है। यह साफ है कि चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आएंगे, वैसे-वैसे यह पोस्टर वॉर और तीखा होता जाएगा। पटना में शुरू हुआ यह पोस्टर वॉर बिहार की राजनीतिक जमीन पर आने वाले चुनावी संघर्ष का संकेत है। एक तरफ कांग्रेस और आरजेडी जैसे दल नीतीश सरकार की विफलताओं को उजागर करने में जुटे हैं, वहीं बीजेपी विपक्षी दलों के नेताओं को निशाने पर लेकर उन्हें अपराध और भ्रष्टाचार से जोड़ने की कोशिश कर रही है। आने वाले दिनों में यह पोस्टर की लड़ाई और दिलचस्प मोड़ ले सकती है।

You may have missed