पटना में 15 वॉटर स्प्रिंकलर और 10 एंटी स्मोक गन से होगा पानी का छिड़काव, प्रदूषण पर रहेगा विशेष फोकस
पटना। सर्दी की शुरुआत के साथ ही पटना की हवा एक बार फिर खराब होने लगी है। धूलकणों की बढ़ती मात्रा और तापमान में गिरावट ने वायु गुणवत्ता सूचकांक को लगातार ऊंचे स्तर पर पहुंचा दिया है। ऐसी स्थिति में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर पटना नगर निगम ने बड़ी तैयारी शुरू की है। निगम ने पूरे शहर में पानी का छिड़काव बढ़ाने का निर्णय लिया है, ताकि हवा में उड़ते धूलकणों को कम किया जा सके।
तीन पाली में चलेगा पानी छिड़काव अभियान
नगर निगम ने 15 वाटर स्प्रिंकलर और 10 एंटी स्मोक गन की मदद से तीन शिफ्टों में पानी का छिड़काव शुरू करने का फैसला लिया है। इन मशीनों की मदद से शहर की मुख्य सड़कों, हरित क्षेत्रों और उन जगहों पर नियमित छिड़काव किया जाएगा, जहां धूलकणों की मात्रा अधिक पाई जाती है। यह अभियान सुबह से लेकर देर शाम तक लगातार चलेगा, ताकि हवा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।
प्रमुख सड़कों पर विशेष फोकस
नेहरू पथ, ईको पार्क, मरीन ड्राइव और आसपास के इलाकों में पानी का छिड़काव बढ़ाया जाएगा। ये स्थान ग्रीनरी से घिरे हुए हैं, लेकिन धूलकणों के उड़ने से पेड़-पौधों पर भी धूल जम जाती है। नगर निगम की टीमें सड़क किनारे लगे पेड़-पौधों पर भी पानी का छिड़काव करेंगी, जिससे वातावरण में धूल का प्रभाव कम होगा और पेड़-पौधे साफ रहेंगे।
सात अंचलों में तैनात मशीनें
पटना नगर निगम क्षेत्र को सात अंचलों में बांटा गया है, और प्रत्येक अंचल में पानी छिड़काव की मशीनें तैनात की गई हैं।
नूतन राजधानी अंचल – 4 वाटर स्प्रिंकलर और 3 एंटी स्मोक गन
अजीमाबाद अंचल – 3 वाटर स्प्रिंकलर
पटना सिटी अंचल – 1 वाटर स्प्रिंकलर और 1 एंटी स्मोक गन
बांकीपुर अंचल – 2 वाटर स्प्रिंकलर और 2 एंटी स्मोक गन
पाटलिपुत्र अंचल – 2 वाटर स्प्रिंकलर और 2 एंटी स्मोक गन
कंकड़बाग अंचल – 3 वाटर स्प्रिंकलर और 2 एंटी स्मोक गन
इन मशीनों की तैनाती इस बात को सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक क्षेत्र में धूल नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
गांधी मैदान के आसपास छिड़काव दोगुना
नगर निगम ने विशेष रूप से गांधी मैदान के आसपास के क्षेत्र पर अधिक ध्यान देने का निर्णय लिया है। यह क्षेत्र बेहद व्यस्त रहता है और दिनभर भारी संख्या में वाहन गुजरते हैं, जिससे सड़क की धूल लगातार उड़ती रहती है। इसी कारण यहां पानी छिड़काव की संख्या दोगुनी कर दी जाएगी, ताकि धूलकणों को नियंत्रित कर वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके।
निरीक्षण टीमें कर रहीं विशेष मॉनिटरिंग
नगर निगम की टीमें रोज सुबह और शाम शहर के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं। निरीक्षण के आधार पर उन जगहों की पहचान की जा रही है, जहां प्रदूषण का प्रभाव सबसे ज्यादा है। इन जगहों पर अतिरिक्त वाटर स्प्रिंकलर भेजे जाएंगे, ताकि समय रहते धूलकणों को नियंत्रित किया जा सके।
क्यों जरूरी है पानी का छिड़काव?
सर्दी के मौसम में हवा का घनत्व बढ़ जाता है और धूलकण जमीन से ऊपर उठकर हवा में जमा होने लगते हैं। ऐसे में प्रदूषण स्तर बढ़ने लगता है और सांस से जुड़ी समस्याएं लोगों में तेजी से फैल सकती हैं। पानी का छिड़काव धूलकणों को जमीन पर बैठाने में मदद करता है, जिससे हवा की गुणवत्ता कुछ हद तक सुधरती है।
नगर निगम की सतर्कता और तैयारी
नगर निगम ने न केवल मशीनों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि छिड़काव की निगरानी भी कड़ी कर दी है। कई इलाके ऐसे हैं, जहां धूलकणों का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों को प्राथमिकता में रखकर वहां पानी का छिड़काव लगातार किया जाएगा। इसके साथ ही निगम स्थानीय लोगों को भी जागरूक कर रहा है कि वे कचरा जलाने और धूल फैलाने वाली गतिविधियों से बचें। पटना नगर निगम की यह पहल बढ़ते प्रदूषण स्तर को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सर्दी के मौसम में हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखने के लिए पानी का छिड़काव एक प्रभावी तरीका माना जाता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि लगातार बढ़ते प्रदूषण पर यह व्यवस्था कितनी कारगर सिद्ध होती है और क्या इससे शहर की वायु गुणवत्ता में वास्तविक सुधार देखने को मिलता है।


