गर्मी के पहले ही पटना में पानी की भीषण किल्लत, पेयजल संबंधी सरकारी दावों की खुली पोल

पटना। बिहार की राजधानी पटना समेत राज्य के अन्य जिलों में फरवरी के अंतिम सप्ताह से ही गर्मी का प्रकोप दिखाई देने लग गया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मार्च से ही इस बार भीषण गर्मी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि जैसे जैसे गर्मी तेज हो रही है वैसे वैसे शहरों में पेयजल की समस्या भी आम होने लगी है। इसी कड़ी में गर्मी आने के साथ ही पटना में सरकार की पेयजल संबंधी सभी दावों का पोल खोलना शुरू हो गया है। बता दे की राजधानी में नगर सरकार ने जलापूर्ति की 394 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। इनमें से अब तक केवल 191 परियोजनाएं पूरी हो सकी हैं। 203 परियोजनाएं या तो अभी अधूरी हैं या उन पर काम ही शुरू नहीं हो सका है। अब तक कुल 139 किमी जलापूर्ति पाइपलाइन बिछाने का काम बाकी रह गया है। स्थिति ऐसी है कि सीडीए कॉलोनी, पटेल नगर, आदर्श कॉलोनी और कौटिल्य नगर में तीन वर्ष पहले से जलापूर्ति परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ। दो-दो बोरिंग लगायी जा चुकी हैं, लेकिन अब तक घरों में पानी नहीं पहुंचाया जा सका है। जानकारी के अनुसार, इन सभी परियोजनाओं को दो से तीन महीने में पूरा किया जाना था, जबकि इनमें कई ऐसी परियोजनाएं हैं, जो दो वर्ष बीतने के बावजूद अब तक पूरी नहीं हुई हैं। अब तक मंजूर 394 जलापूर्ति परियोजनाओं में 350 किमी पाइपलाइन बिछायी जानी थी। इनमें 211 किमी पाइपलाइन ही बिछायी जा सकी है। वही अधिकतर जगह नयी पाइपलाइन को उन क्षेत्रों में बिछाया जा रहा है, जहां अब तक जलापूर्ति की पाइपलाइन नहीं थी। इनमें अधिकतर परियोजनाएं नये बसे मोहल्लों में शुरू की जा रही हैं। हालांकि, इनमें से 10 से 15 फीसदी पाइपलाइन उन क्षेत्रों में भी बिछायी गयी है, जहां पहले से पाइपलाइन बिछी है, लेकिन बेहद पुरानी हो जाने के कारण जर्जर हो गयी है। इनमें से कई जगह गंदा पानी आ रहा है और पाइपलाइन जमीन के 10 फुट नीचे पहुंच जाने के कारण अब उनकी मरम्मत भी संभव नहीं है।

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