वोटर लिस्ट से नाम काटने से पहले मतदाताओं को मिलेगा नोटिस, 1 अगस्त को होगा ड्राफ्ट का प्रकाशन
पटना। बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियों के तहत मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में जिन मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे, उन्हें पहले से सूचित किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी मतदाता का नाम बिना सूचना के सूची से नहीं हटाया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने इससे संबंधित विस्तृत जानकारी साझा की है।
1 अगस्त को प्रारूप होगा प्रकाशित
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार, एक अगस्त को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित किया जाएगा। इस प्रारूप में उन सभी मतदाताओं के नाम शामिल रहेंगे जिन्होंने गणना प्रपत्र भरकर अपनी जानकारी दी है। यह सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी और लोग इसमें अपना नाम देख सकेंगे। इसके अलावा एक अलग सूची भी प्रकाशित की जाएगी जिसमें स्थानांतरित, दोहरे नाम वाले और मृतक मतदाताओं के नाम दर्ज होंगे।
दावा-आपत्ति की प्रक्रिया भी शुरू होगी
1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावा-आपत्ति की प्रक्रिया चलेगी। इस दौरान अगर किसी मतदाता को लगता है कि उनका नाम गलत तरीके से हटाया जा रहा है या सूची में कोई त्रुटि है, तो वे अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। साथ ही जिन लोगों ने अब तक अपने दस्तावेज या जानकारी नहीं दी है, वे भी इस दौरान आवश्यक दस्तावेज जमा कर सकते हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर न हो।
30 सितंबर को अंतिम सूची का प्रकाशन
सभी आपत्तियों और दावों की जांच के बाद 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इस सूची में वही नाम रहेंगे जिनकी पुष्टि और सत्यापन आयोग द्वारा कर ली गई होगी। यह अंतिम सूची ही आगामी चुनावों में मान्य मानी जाएगी।
पहचान किए गए हटाए जाने योग्य मतदाता
अब तक की जांच में राज्य के कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 30 लाख मतदाताओं की पहचान हटाए जाने योग्य के रूप में हुई है। इनमें 12 लाख लोग ऐसे हैं जो स्थायी रूप से राज्य से बाहर स्थानांतरित हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त 4.20 लाख मतदाताओं के नाम दो जगह दर्ज पाए गए हैं। वहीं, 9 लाख से अधिक मतदाताओं की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। इन सभी को अलग सूची में दर्शाया जाएगा और उनकी जानकारी संबंधित राजनीतिक दलों को भी दी जाएगी।
राजनीतिक दलों को भी दी जाएगी जानकारी
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि पहचान किए गए स्थानांतरित, दोहरे और मृतक मतदाताओं की सूची को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मतदाता सूची से किसी योग्य व्यक्ति का नाम बिना कारण नहीं हटे।
हाउस टू हाउस सर्वे भी जारी
इन दिनों राज्यभर में हाउस टू हाउस सर्वे का कार्य भी जारी है, जो 26 जुलाई तक चलेगा। इस सर्वे का उद्देश्य मतदाताओं की सही पहचान करना और उनकी जानकारी को अद्यतन करना है। यह सर्वे मतदाता सूची के सुधार की एक अहम कड़ी है जिससे गलतियों को कम किया जा सकेगा। बिहार में चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से की जा रही यह पहल मतदाताओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आयोग का प्रयास है कि योग्य मतदाता मतदान से वंचित न रहें और अपात्र लोगों के नाम समय रहते सूची से हटा दिए जाएं।


