पटना में कल मतदान: बूथ पर रहेगी कड़ी सुरक्षा, भारी फोर्स तैनात, वोटर आईडी के साथ 12 डॉक्यूमेंट पर डाल सकेंगे वोट
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत राजधानी पटना समेत कई जिलों में गुरुवार 6 नवंबर को मतदान होगा। इसको लेकर जिला प्रशासन और पुलिस महकमे ने पूरी तैयारी कर ली है। मतदान को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं, जबकि हर बूथ की रियल-टाइम निगरानी के लिए सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं।
प्रशासन ने पूरी की तैयारियां
पटना जिला प्रशासन ने बताया कि मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी बूथों की समीक्षा पूरी कर ली गई है। मतदान दलों को मंगलवार देर शाम ही रवाना कर दिया गया था। प्रत्येक बूथ पर मतदाताओं की सुविधा के लिए बुनियादी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। इनमें पीने के पानी, रैंप, शौचालय और बैठने की व्यवस्था जैसी सुविधाएं शामिल हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि हर मतदान केंद्र पर सुरक्षा के साथ-साथ मतदाताओं को लाइन में खड़े होकर मतदान करने की सुविधा दी जाएगी। मतदान केंद्रों पर भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी तैनात रहेंगे।
बूथों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या हिंसक घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा योजना बनाई है। संवेदनशील और अति-संवेदनशील बूथों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। इसके अलावा प्रत्येक बूथ पर पुलिसकर्मी और माइक्रो ऑब्जर्वर की निगरानी रहेगी। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे पटना जिले को अलग-अलग जोनों में बांटा गया है। हर जोन का नेतृत्व एक वरीय अधिकारी करेंगे। साथ ही, ड्रोन से हवाई निगरानी की जाएगी ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। मोबाइल फ्लाइंग स्क्वॉड टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया है जो चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन या पैसे, शराब वितरण जैसी गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाएंगी।
मतदाताओं से अपील, समय पर पहुंचे मतदान केंद्र
प्रशासन ने मतदाताओं से अपील की है कि वे लोकतंत्र के इस महापर्व में अधिक से अधिक भागीदारी करें। अधिकारियों का कहना है कि मतदान का समय सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा और मतदाताओं को सलाह दी गई है कि वे समय पर अपने बूथों पर पहुंचे ताकि भीड़ के कारण किसी को असुविधा न हो। जिला प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में मतदान की महत्ता बताई जा रही है। स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर पोस्टर और नारे लगाकर मतदाताओं को प्रेरित किया जा रहा है कि वे “पहले मतदान, फिर जलपान” के संदेश को आत्मसात करें।
वोटर आईडी नहीं है तो इन 12 दस्तावेजों से डाल सकेंगे वोट
प्रशासन ने बताया कि अगर किसी मतदाता का वोटर आईडी कार्ड खो गया है या किसी कारण से घर पर रह गया है, तो वह 12 वैध दस्तावेजों में से किसी एक को दिखाकर वोट डाल सकता है। ये दस्तावेज चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त हैं और पहचान की पुष्टि के लिए पर्याप्त माने जाएंगे।
इन 12 वैध दस्तावेजों में शामिल हैं:
1. मनरेगा जॉब कार्ड
2. आधार कार्ड
3. बैंक या डाकघर की फोटोयुक्त पासबुक
4. फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
5. ड्राइविंग लाइसेंस
6. पैन कार्ड
7. श्रम विभाग का स्मार्ट कार्ड
8. पासपोर्ट
9. फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज
10. केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी सेवा पहचान पत्र
11. सांसद, विधायक या विधान परिषद सदस्य का पहचान पत्र
12. विशिष्ट विकलांगता (यूडीआईडी) पहचान पत्र
इनमें से कोई एक दस्तावेज दिखाकर मतदाता अपनी पहचान साबित कर सकता है और मतदान कर सकता है।
मतदान केंद्रों पर निगरानी के सख्त इंतजाम
जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, सभी मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि मतदान प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की जा सके। संवेदनशील बूथों पर लाइव मॉनिटरिंग जिला कंट्रोल रूम से की जाएगी। साथ ही, पुलिस कंट्रोल रूम में विशेष निगरानी टीम तैनात की गई है, जो लगातार सूचना एकत्र कर तत्काल कार्रवाई करेगी। जिला पुलिस बल के साथ-साथ सशस्त्र बलों की कंपनियों को भी तैनात किया गया है।
महिला और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था
प्रशासन ने इस बार महिला और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की है। दिव्यांग मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वहीं, कई बूथों को “पिंक बूथ” के रूप में सजाया गया है, जहां केवल महिला कर्मी तैनात रहेंगी। इसका उद्देश्य महिला मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है।
मतदान के दौरान आचार संहिता पर सख्ती
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मतदान के दिन किसी भी प्रकार के प्रचार, रैली या नारेबाजी की अनुमति नहीं होगी। मतदान केंद्र से 200 मीटर के दायरे में किसी भी राजनीतिक गतिविधि पर रोक रहेगी। आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर चुनावी प्रचार या मतदाताओं को प्रभावित करने वाले संदेश प्रसारित करने वालों पर भी निगरानी रखी जाएगी। चुनाव आयोग की साइबर टीम ऑनलाइन गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेगी।
प्रशासन का दावा: शांतिपूर्ण रहेगा मतदान
पटना के जिलाधिकारी ने कहा कि “मतदान को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए सभी उपाय कर लिए गए हैं। सुरक्षा बलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी परिस्थिति में कानून व्यवस्था बनाए रखें। अगर किसी बूथ पर गड़बड़ी की आशंका हुई तो तुरंत अतिरिक्त बल भेजा जाएगा।” पुलिस अधीक्षक ने भी कहा कि “सभी थाना क्षेत्रों में गश्ती दल सक्रिय हैं और रातभर सुरक्षा कर्मी चौकसी बरत रहे हैं।” बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए राजधानी पटना पूरी तरह तैयार है। सुरक्षा से लेकर मतदाताओं की सुविधा तक सभी पहलुओं पर प्रशासन ने विशेष ध्यान दिया है। मतदाता चाहे वोटर आईडी कार्ड भूल जाएं या खो दें, वे वैकल्पिक दस्तावेजों के आधार पर अपना लोकतांत्रिक अधिकार प्रयोग कर सकते हैं। प्रशासन को उम्मीद है कि इस बार मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी और जनता पूरे उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस पर्व में भाग लेगी। सभी तैयारियों के बीच अब निगाहें 6 नवंबर पर हैं, जब बिहार के मतदाता अपने मताधिकार के जरिए राज्य की नई राजनीतिक दिशा तय करेंगे।


